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________________ विषयसूची १५७ १६९ १७० : १७४ .... ... १७५ २७ पंजाबके जैन भंडारोंका महत्त्व [ प्रो. बनारसीदास जैन M. A. ] ... ... २८ वीरविनय-काव्य [ श्री देवकुमार जैन ] ... ... ... ... ... . २९ जैन धर्म और अनेकान्त [ साहित्यरत्न न्यायतीर्थ पं. श्री दरबारीलाल — सत्यभक्त' ] ३० आचार्य विजयानंद आदेश-काव्य [ श्री देवकुमार जैन ] ३१ श्री विजयानंदावतार-काव्य [ श्री कनैयालाल जैन ] .... ३९ श्री गुरुस्तुति-काव्य [ , , ] ... . ... ...। ३३ श्रद्धाञ्जलि [मुनि श्री ज्ञानसुन्दर ] ... ३४ पल्लीवाल गच्छ पट्टावली [ श्री अगरचंद नाहटा ] ... ३५ जैन धर्म और उसके सम्प्रदाय [ श्री नाथूराम प्रेमी ३६ अनेकान्तवाद [ पं. श्री गिरिजादत्तजी त्रिपाठी न्यायाव्याकरणाचार्य M. A.] ... ३७ अथ न्यायांभोनिधि श्रीमत्पूज्यचरण श्री आत्माराम-शताब्दि स्वागताष्टकं-संस्कृतकाव्यं [साहित्याचार्य पं. माधवानन्द शास्त्री... ३८ अथ स्तुति श्लोकः-सार्थम् [ संस्कृत ] [ साहित्याचार्य पं. माधवानंद शास्त्री ] ... ३९ शताब्दि नायककी जन्मकुंडली ... . ... ... ... ... ... ४० श्रीविजयानन्द सूरीश्वराष्टकानि [ मुनिश्री विचक्षणविजय ] ... : :: :: १८२ .. २११ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012050
Book TitleAtmanandji Jainacharya Janmashatabdi Smarakgranth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Dalichand Desai
PublisherAtmanand Janma Shatabdi Smarak Trust
Publication Year1936
Total Pages1042
LanguageHindi, Gujarati, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size30 MB
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