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________________ जैन महिला शिक्षण संघ की विभिन्न प्रवृतियाँ संक्षिप्त परिचय सत्र १९८०-८१ में छात्रावास में निवास करने वाली छात्राओं की कक्षानुसार संख्या निम्न प्रकार है कक्षा १ २ ३ ५ ६ ह १० योग १० ०५ ह ०८ २ बराण्डे हैं। पानी के लिए कुए के पास स्नानघर बने हुए हैं। पंखे लगे हुए हैं व छोटे में दो पंखे लगे हुए हैं। प्रत्येक कमरे सामान रखने हेतु व एक खाट सोने के लिए व एक डेढ़ के लिए दी जाती है। पढ़ने-लिखने के लिए समय बँटा हुआ है। जागना, पढ़ना, लिखना, सोना आदि सभी कार्यों को छात्राएँ — १० ०५ ०७ १० छात्रावास में ५ बड़े हॉल, ६ छोटे कमरे, संडास की सुविधा है। हर बड़े हॉल में तीन में आलमारियाँ हैं । छात्राओं को दो-दो आलमारी समयानुसार करना आवश्यक है । यहाँ पर छात्राओं की देखरेख के लिए गृहमाता है। छात्रावास की दिनचर्या इस प्रकार हैं १. प्रातः ४-३० बजे जागरण २. प्रातः ४-३० से ४-४५ बजे तक प्रार्थना एवं हाजिरी ३. प्रातः ४-४५ से ६-०० बजे तक अध्ययन ४. प्रातः ६-०० से ६-३० बजे तक नित्य कर्म निवृत्ति ५. प्रातः ६३० से ७-३० बजे तक सामायिक व धार्मिक अध्ययन ६. प्रातः ७-३० से ८०० बजे तक नाश्ता ७. प्रातः ८०० से ६०० बजे तक नहाना-धोना ८. प्रातः ६०० से १०-०० बजे तक भोजन ६. प्रातः १०-०० से १०-१५ बजे तक स्कूल की तैयारी व प्रस्थान १०. प्रातः १०-१५ बजे तक स्कूल में उपस्थित होना ११. प्रातः १०-३० से सायं ४-३० बजे तक स्कूल में अध्ययन १२. सायं ४-३० से ५-०० बजे तक हाथ-मुँह धोना १३. सायं ५०० से ५-३० बजे तक भोजन १४. ५-३० से ६-०० बजे तक मुनि-दर्शन की तैयारी १५. ६-०० से ७-०० बजे तक मुनि-दर्शन के लिए जाना १६. रात्रि ७०० से ७-१५ बजे तक प्रार्थना व हाजिरी १७. रात्रि ७-३० से ६-३० बजे तक अध्ययन १५. रात्रि ९-३० बजे शयन करना । 67 Jain Education International ०८ ८ ०८ २७१ ८० प्रातः नाश्ते में प्रतिदिन पाव भर दूध एवं उसके साथ बिस्कुट, टोस्ट या मौसम के अनुसार मक्का की घाट या खिचड़ी दूध के साथ दी जाती है। ठीक ६-३० पर प्रातः का भोजन दिया जाता है। प्रातः भोजन में एक दाल एक हरी सब्जी व फुलके दिये जाते हैं। साथ में कभी-कभी पोदीने या धनिये की चटनी और निंबू भी दिया जाता है। दिन में ठीक २ बजे दोपहरी (अल्पाहार ) दी जाती है, जिसमें क्रमशः इडली, उपमां, नमकीन चावल, ककड़ी, पपीता आदि दिया जाता है। सायं ६ बजे संध्या का भोजन दिया जाता है जिसमें हरी सब्जी, दाल, फुलके व चावल प्रतिदिन दिये जाते हैं। इसके अलावा हर रविवार को मिठाई व नमकीन दिया जाता है। कुल मिलाकर भोजन की व्यवस्था अति सुन्दर है । For Private & Personal Use Only भोजन करने के स्थान की स्वच्छता का पूरा-पूरा ध्यान रखा जाता है। वहाँ बैठने के लिए चटाइयां बिछाई जाती हैं। भोजन-स्थान को प्रतिदिन धोया जाता है। छात्राएं भोजन के समय घंटी लगने पर पंक्तिबद्ध खड़ी हो जाती www.jainelibrary.org.
SR No.012044
Book TitleKesarimalji Surana Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmal Tatia, Dev Kothari
PublisherKesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages1294
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size34 MB
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