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________________ जैन महिला शिक्षण संघ को विभिन्न प्रवृत्तियां : संक्षिप्त परिचय २६६. -७. सहायक ट्रस्टी ८. परामर्शदात्री ९. संरक्षक सदस्य श्री अमरचन्द जी पीतलिया श्री जयप्रकाश जी गादिया श्री राणमल जी जीरावाला श्री अमरचन्द जी मूथा श्रीमती सुन्दरबाई सुराणा श्री टी० ओकचन्द जी गादिया श्री नेमिचन्द जी सुराणा श्री मोहनलाल जी सुराणा श्री सिरेमल जी डोसी प्रो० एस० सी० तेला प्रो० दानवीरचन्द जी भण्डारी श्री ताराचन्द जी लूकड़ श्री महावीरकुमार जी श्री जबरमल जी मूथा श्री भंवरलाल जी सुराणा श्रीमती विजयादेवी सुराणा श्रीमती नीलम कृष्णन प्र०अ० १०. सदस्य इस संघ के अन्तर्गत वर्तमान में निम्न प्रवृत्तियाँ चल रही हैं (१) महावीर कन्या विद्यालय, (२) टी० ओकचन्द गादिया बाल निकेतन, (३) श्रीमती घीसीबाई डोसी बाल विद्या मन्दिर, (४) छात्रावास (५) औषधालय, (६) गौशाला सन् १९६१ में महावीर कन्या विद्यालय का प्रारम्भ श्रीमती सुन्दरदेवी सुराणा के कर-कमलों से हुआ उस समय उसमें बीस छात्राएँ थीं तथा कक्षा एक से तीन तक की छात्राएँ इसमें अध्ययन करती थीं। किन्तु दूसरे ही वर्ष चौथी व पांचवीं कक्षा भी प्रारम्भ कर दी गयी। सन् १९६६ में आठवीं कक्षा तक विद्यालय क्रमोन्नत हो गया और सन् १९७२ में शिक्षा विभाग राजस्थान, बीकानेर द्वारा कक्षा आठ तक मान्यता भी मिल गयी। किन्तु संस्था में क्रमश: छात्राओं की संख्या बढ़ती गयी, परीक्षा परिणाम भी श्रेष्ठ रहने लगा तो इसे सैकेण्डरी स्कूल बनाने की मांग होने लगी। अन्ततोगत्वा जुलाई, १९७२ से इस विद्यालय को बोर्ड ऑफ सैकेण्डरी ऐजकेशन राजस्थान, अजमेर से दसवीं कक्षा तक मान्यता प्राप्त हो गयी। इस सत्र में समस्त अनिवार्य विषयों के साथ कक्षा नौ में हिन्दी, संस्कृत व गृह विज्ञान ऐच्छिक विषय खोले गये। जुलाई १९८१ से अर्थशास्त्र व नागरिकशात्र के रूप में दो नये ऐच्छिक विषय और खोलने की स्वीकृति प्राप्त हो गयी है। विद्यालय का समय प्रात: १०-३० से सायं ४.३० बजे तक है। टी० ओकनन्द गादिया बाल निकेतन और श्रीमती घीसीबाई डोसी बाल मन्दिर में प्राथमिक और पूर्व प्राथमिक वर्ग की छात्राएँ अध्ययन करती हैं। माध्यमिक विद्यालय और प्राथमिक विद्यालय में कूल १५ अध्यापिकाओं का स्टाफ कार्यरत है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व लिपिक वर्ग अलग से है। विद्यालय में छात्राओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, इसका मूल कारण यहाँ की उतम पढ़ाई व्यवस्था तथा उसके परिणामस्वरूप यहां का श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम है। सैकेण्डरी स्कूल परीक्षा का परिणाम प्रतिवर्ष ६० प्रतिशत से १०० प्रतिशत तक रहता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012044
Book TitleKesarimalji Surana Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmal Tatia, Dev Kothari
PublisherKesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages1294
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size34 MB
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