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________________ श्री अखिल भारतीय जैन महिला शिक्षण संघ, राणावास विभिन्न प्रवत्तियां : संक्षिप्त परिचय अखिल भारतीय जैन महिला शिक्षण संघ, राणावास एक स्वतन्त्र संस्था है। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी मानव हितकारी संघ, राणावास से इस संस्था का कोई सम्बन्ध नहीं है। देश में नारी समाज पर जो जुल्म हो रहे हैं, शोषण एवं अत्याचार हो रहे हैं, वह जिस प्रकार कुरीतियों व अन्धविश्वासों से ग्रस्त और त्रस्त है, उसका मूल कारण नारी-अशिक्षा है। वर्षों से यह अनुभव किया जा रहा था कि श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी मानव हितकारी संघ जिस प्रकार छात्रों की शिक्षा-दीक्षा व उनमें सुसंस्कारों के निर्माण के लिए प्राणप्रथा से संलग्न है, उसी तरह का कोई संगठन छात्राओं के लिए भी होना चाहिए। अन्ततोगत्वा इसकी संस्थापना का बीड़ा कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा से प्रेरणा प्राप्त कर उनकी धर्म-पत्नी नारीरत्न श्रीमती सुन्दरदेवी सुराणा ने उठाया। उनके सद्प्रयासों से वि० सं० २०१८ कार्तिक शुक्ला, पूर्णिमा तदनुसार २२ नवम्बर, १९६१ को महावीर कन्या विद्यालय के शुभारम्भ के साथ ही श्री अखिल भारतीय जैन महिला शिक्षण संघ, राणावास की स्थापना हुई तथा यह विद्यालय इस संघ की प्रथम प्रवृत्ति के रूप में आरम्भ हुआ। राणावास रेलवे स्टेशन से राणावास गाँव जाने वाली मुख्य सड़क के दायीं और १५ बीघा जमीन में इस संघ की विभिन्न प्रवृत्तियाँ संचालित हो रही हैं। इस संघ की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह अखिल जैन समाज की संस्था है। इसमें जैन धर्म के किसी सम्प्रदाय विशेष का प्रभुत्व नहीं है तथा इसके प्रवेश-द्वार वर्ण, धर्म, जाति भेद के बिना समस्त छात्राओं के लिए खले हुए हैं। यद्यपि इस संघ की संस्थापना का मुख्य श्रेय श्रीमती सुन्दरदेवी सुराणा को है। किन्तु इसके संचालन और विकास में ग्रन्थनायक कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा का व्यक्तित्व जुड़ा है, इस प्रकार यह संघ भी श्री सुराणाजी के कृतित्व का स्मारक चिह्न है। अखिल भारतीय जैन महिला शिक्षण संघ का अपना संविधान बना हुआ है तथा संविधानानुसार संघ व उसकी प्रवृत्तियों के सुसंचालन के लिए एक कार्यकारिणी समिति बनी हुई है। सन् १९८०-८१ की कार्यकारिणी समिति व ट्रस्ट-मण्डल के सदस्यों की सूची इस प्रकार है १. अध्यक्ष २. उपाध्यक्ष ३. मन्त्री ४. उपमन्त्री श्री चुन्नीलाल जी कटारिया श्री रिखबचन्द जी कर्णावट श्री चन्दनमल जी गुगलिया श्री केसरीमलजी सुराणा श्री प्रेमराज जी मूथा श्री भूपेन्द्र जी मूथा श्री पुखराज जी कटारिया श्री अमरचन्द जी गादिया ५. कोषाध्यक्ष ६. प्रधान ट्रस्टी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012044
Book TitleKesarimalji Surana Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmal Tatia, Dev Kothari
PublisherKesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages1294
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size34 MB
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