SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 315
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ . २३८ कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा अभिनन्दन ग्रन्थ : द्वितीय खण्ड (७) विद्यालय द्वारा प्रकाशित वार्षिक पत्रिका 'विवे' को छात्रों में स्तरीय रचनाएँ लिखने व प्रकाशित करने तथा पत्रिका के उत्तम मुद्रण व सज्जा को लेकर जिला स्तर पर तीन बार प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। (८) विद्यालय को पाली जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा पाली जिले में सन् १९७५-७६ में सर्वाधिक धनराशि जमा कराने में प्रथम आने पर प्रमाण-पत्र दिया गया है। (8) विद्यालय के स्काउट्स ने जोधपुर में आयोजित स्कास्ट रैली तथा इलाहाबाद में आयोजित स्काउट्स व गाइड जम्बूरी में भाग लेकर पताकाएँ व प्रमाण-पत्र प्राप्त किये हैं। (१०) विद्यालय में पाली जिला के क्षेत्रीय स्तर के टूर्नामेन्ट सन् १९७३ तथा सन् १९७८ में दो बार सफलतापूर्वक आयोजित किये हैं, जिसमें आऊआ, जोजावर, धनला, मारवाड़ जंकशन, फुलाद, खीमाड़ा, मरुधर केसरी विद्यालय एवं सुमति शिक्षा सदन की टीमों ने भाग लिया। (११) माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर द्वारा ४ नवम्बर १९७४ से १० नवम्बर, १९७४ तक राज्य स्तरीय, हिन्दी वाक्पीठ योजना का आयोजन इस विद्यालय में किया गया, जिसमें प्रदेश के ४७ हिन्दी अध्यापकों ने भाग लिया। (१२) विद्याभवन शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, उदयपुर तथा महेश शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, जोधपुर के छात्राध्यापक दो-दो बार ब्लाक प्रेक्टिसिंग के लिए इस विद्यालय में आये हैं। (१३) सत्र १९७६-७७ में जिला स्तरीय विज्ञान मेला प्रदर्शनी पाली में इस विद्यालय के छात्रों ने इलेक्ट्रोनिक विन्यास उपकरण, टेलीफोन उपकरण, तथा गणितीय प्रमेय का उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर पुरस्कार प्राप्त किये हैं। इसी तरह का मेला सोजत में आयोजित हुआ और वहाँ भी पुरस्कार प्राप्त किये। (१४) विद्यालय के उद्योग विषय के अन्तर्गत निर्मित निवार व चाक अपने उत्तम शिल्प के कारण पाली जिले में विशेष रूप से प्रशंसनीय हैं। (१५) विद्यालय में अध्ययन कर निकले हुए भूतपूर्व छात्र सम्पूर्ण भारत में फैले हुए हैं। दक्षिणी भारत व उत्तरी-पूर्वी भारत में राजस्थान के बाद इनकी संख्या सर्वाधिक है। ये सेना, प्रशासनिक कार्य, कालेज, विश्वविद्यालय, सरकारी कार्यालय के अलावा उद्योग एवं व्यापार में भी अग्रणी हैं। विद्यालय की ये उपलब्धियाँ काफी महत्त्वपूर्ण हैं । ___ इस प्रकार सुमति शिक्षा सदन उच्च माध्यमिक विद्यालय राणावास शिक्षा के सिंहद्वार के रूप में ख्यात है और इसका भविष्य काफी उज्ज्वल है। 0000 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012044
Book TitleKesarimalji Surana Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmal Tatia, Dev Kothari
PublisherKesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages1294
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size34 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy