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________________ श्री सुमति शिक्षा सदन उच्च माध्यमिक विद्यालय, राणावास २३३. वर्तमान में विद्यालय में इस प्रवृत्ति के प्रभारी श्री महेन्द्रवीर सिंह गहलौत हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में लगभग २५ वर्षो का अनुभव है । विद्यालय छात्रसंघ 9 अनुशासनप्रियता विनम्रता व भ्रातृभाव इस संस्था के विद्यार्थियों के विशेष गुण रहे हैं। इस माला में प्रारम्भ से ही इन गुणों का समावेश करते हुए छात्र संघ की गतिविधियां संचालित होती रही हैं। सत्र १९७३-७४ तक छात्र संघ के चुनाव नियमानुसार करवाये जाकर विभिन्न कार्य-कलापों में विद्यार्थियों का सहयोग लिया जाता रहा है। छात्र संघ के चुनाव के समय विद्यार्थी वर्ग में विशेष चेतना व सक्रियता मुखरित होती है और कभी-कभी उग्र आक्रोश व अशिष्टता की झलक भी परिलक्षित हो जाती है। इस कारण सत्र १९७४-७५ से छात्र संघ का चुनाव न किया जाकर विभिन्न क्षेत्रों के मेधावी विद्यार्थियों का सहयोग शाला की विविध गतिविधियों में लिया जाता रहा है। अर्थात् मेरिट के आधार पर छात्रों का चयन कर उन्हें छात्र संघ के पदाधिकारियों के रूप में मनोनीत कर दिया जाता है। ए० सी० सी० शारीरिक शिक्षण शिक्षा विभाग राजस्थान ने माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों को शारीरिक दृष्टि से सबल एवं सुदृढ़ बनाने की शिक्षा देने के लिए १९५४ ई० में ए० सी० सी० की शिक्षा प्रारम्भ की। इसके लिए (१) विजय सिंह चूण्डावत, (२) श्री भोपाल सिंह राठौड़, (३) श्री तख्तमल इन्द्रावत को ए० सी० सी० ट्रेनिंग केम्य पाली में भेजकर ट्रेण्ड कराया गया। इसके पश्चात् विद्यालय में ए० सी० सी० के ३ ग्रुप स्थापित किये गये जिनमें मार्च पास्ट, व्यायाम, खेल-कूद, दौड़, प्राथमिक चिकित्सा एवं शिविर आदि की विधाओं से छात्रों को प्रशिक्षण देना प्रारम्भ किया गया। इसी क्रम में १९६५ में एन० एफ० सी० का भी प्रशिक्षण अध्यापकों को दिलाया जाकर शिक्षण दिया जाने लगा। इस उपलक्ष में उन्हें ए० सी० सी० विभाग द्वारा मानदेय भी दिया जाता रहा। सन् १९६६ ई० में सरकार ने इस योजना को समाप्त कर इसके बजाय शारीरिक शिक्षण देने के लिए शारीरिक शिक्षक की नियुक्ति कर दी, जिस पर उस समय से अब तक श्री गुलाबचन्द शर्मा योग्यतापूर्वक कार्य कर रहे हैं। शारीरिक शिक्षण के अन्तर्गत सामूहिक व्यायाम कराया जाता है, तत्सम्बन्धी सभी साधन उपलब्ध हैं। सिंगल बार, डबल बार, बाल्टिंग बाक्स, डम्बल्स, लेजिम, मोगरी आदि की व्यवस्था है । स्पोर्टस के समस्त साधन छात्रों को उपलब्ध कराये जाते हैं। समय-समय पर योगासन व संतुलित भोजन की जानकारी भी दी जाती है । खेल-कूद व उपलब्धियाँ - छात्रों में खेल-कूद के प्रति अभिरुचि पैदा करने का प्रयास सदा से ही रहा है। विद्यालय समय के पश्चात् अधिकांश छात्र विभिन्न खेलों में नियमित भाग लेते हैं। प्रत्येक खेल के लिए विद्यालय द्वारा अलग से मैदान की व्यवस्था की गयी है । सन् १९५५ में जब यह विद्यालय माध्यमिक विद्यालय बना, उस समय से ही फुटबाल, बालीबाल, बास्केट बाल, बेडमेन्टिन, कबड्डी और सभी प्रकार के स्पोर्टस मैदानों की व्यवस्था की गयी थी । सन् १९६७ में हाकी का खेल भी विद्यालय में प्रारम्भ किया गया तो उसके लिए भी अलग से मैदान निर्धारित किया गया। इसी तरह सन् १९६७ में ही टेबल टेनिस, सन् १९७० में वालीबाल के लिए एक और मैदान तथा सन् १९७३ में खो-खो के लिए भी मैदानों की व्यवस्था की गयी है । इन समस्त खेलों को शारीरिक शिक्षक की देख-रेख में खेलाया व सिखाया जाता है तथा खेलों से सम्बन्धित समस्त प्रकार की सामग्री प्रदान की जाती है। खेल-कूद की विभिन्न प्रतिस्पर्धाएँ विद्यालय स्तर पर आयोजित की जाती हैं और विजेता छात्र व टीम को पुरस्कार एवं प्रशंसा पत्र दिये जाते हैं। क्षेत्रीय और जिला स्तरीय खेलकूद की विभिन्न प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए भी छात्रों को उचित प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। यही कारण है कि जिला स्तर पर इस विद्यालय ने खेलकूद के सन्दर्भ में अपनी उत्कृष्ट धाक जमा रखी है और विभिन्न स्तर के पुरस्कार व शील्ड प्राप्त की हैं, जिसका उपलब्ध विवरण इस प्रकार है Jain Education International For Private & Personal Use Only 0 www.jainelibrary.org.
SR No.012044
Book TitleKesarimalji Surana Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmal Tatia, Dev Kothari
PublisherKesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages1294
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size34 MB
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