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________________ २०८ कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा अभिनन्दन ग्रन्थ : द्वितीय खण्ड श्री डी० डी० शर्मा व्याख्याता, लेखाकर्म एवं सातवां वित्त आयोग सांख्यिकी नारायणलाल जी मिस्त्री प्र०अ० राजकीय प्राथमिक विकासबाद की समालोचना विद्यालय, राणावास श्री एम० एल० आच्छा व्याख्याता, अर्थशास्त्र केन्द्रीय वजट की आर्थिक समीक्षा श्री आर० एन० माथुर व्याख्याता, राजनीतिविज्ञान भारत व गुटनिरपेक्षता श्री एम० एल० आच्छा व्याख्याता,अर्थशास्त्र जनता सरकार की नवीन आर्थिक नीति श्री एम० के० मेहता व्याख्याता, अंग्रेजी प्रेस की स्वतन्त्रता श्री डी० डी० शर्मा व्याख्याता, आर्थिक प्रशासन वर्ष १९७८-७६ का केन्द्रीय बजट एवं वित्तीय प्रबन्ध श्री पी० एम० जैन व्याख्याता, इतिहास मध्यावधि चुनाव एवं राष्ट्रपति पर महाभियोग श्री आर. एन० माथुर व्याख्याता, राजनीति विज्ञान ईरान संक्रमण के दौर में (शाह के बाद) श्री एस० के० मेहता व्याख्याता, अंग्रेजी अफगानिस्तान, बदलते हुए परिवेश में श्री एस० पी० गांधी व्याख्याता, वाणिज्य उद्योगों का सामाजिक दायित्व : निष्पत्ति का अंकेक्षण डॉ० एम० पी० माथुर व्याख्याता, वाणिज्य भारत में श्रम समस्याएँ एवं उनका समाधान (आ) छात्रवृत्तियाँ, शुल्क, रियायत एवं अन्य सहायता महाविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को विभिन्न आधारों पर विभिन्न स्रोतों से आर्थिक सहायता प्राप्त होती है । प्रमुख इस प्रकार हैं - (१) छात्रवृत्तियाँ-छात्रवृत्तियाँ प्राप्त करने वाले छात्रों को मूलतः तीन भागों में विभक्त किया जा सकता है। प्रथम वे छात्र जो कालेज शिक्षा निदेशालय, जयपुर द्वारा प्रदत्त छात्रवृत्तियाँ प्राप्त करते हैं, द्वितीय वे जो समाज कल्याण विभाग, राजस्थान राज्य सरकार से प्राप्त करते हैं तथा तृतीय जो विद्यार्थी विभिन्न समाज-सेवी संस्थाओं से प्राप्त करते हैं। शिक्षा निदेशालय द्वारा प्रदत्त छात्रवृत्तियों में प्रमुखत: राष्ट्रीय छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय ऋण छात्रवृत्ति, योग्यता एवं आवश्यक छात्रवृत्ति, मृतक राज्यकर्मचारी छात्रवृत्ति आदि हैं । ___ समाज कल्याण विभाग द्वारा विभिन्न कक्षाओं में अध्ययनरत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रों को निर्धारित दरों से छात्रवृत्तियाँ प्रदान की जाती हैं। अन्य समाजसेवी संस्थाएँ निर्धन, परन्तु योग्य विद्यार्थियों को उनकी योग्यता के आधार पर आर्थिक सहायता प्रदान करती है। प्रतिवर्ष इस महाविद्यालय के लगभग १० छात्र शिक्षा निदेशालय द्वारा प्रदत्त विभिन्न छात्रवृत्तियाँ प्राप्त करते हैं, जिनका मुख्य आधार गत परीक्षा की आंकिक योग्यता एवं छात्र की पारिवारिक कुल आय होती है । सत्र १९८०८१ में श्री सोहनलाल मुणोत, तृतीय वर्ष वाणिज्य ने आवश्यक एवं योग्यता छात्रवृत्ति तथा श्री शैतानसिंह, द्वितीय Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012044
Book TitleKesarimalji Surana Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmal Tatia, Dev Kothari
PublisherKesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages1294
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size34 MB
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