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________________ श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी मानव हितकारी संघ, राणावास का इतिहास १८१ . १९७५ १९७५ १९७६ १९७८ १९७९ १३. महाविद्यालय छात्रावास तीन मंजिला भवन जिसके ५ खण्ड, कुल ११० कमरे, ३ हाल व सबके आगे बरामदा। १०,००,०००।१४. महाविद्यालय भोजनालय बड़ा हाल, ४ कोठारगृह, १ बड़ा रसोईघर, बीच में पक्का प्रांगण, जलकुण्ड । ७०,०००/१५. सभास्थल दो मंजिला भवन, नीचे १०.४७० फीट का प्रवचन हाल, आगे व बायें बरामदा, नीचे-ऊपर ४ कमरे, सामने मंच। ३,५०,०००।१६. अतिथिगृह एवं औषधालय दो मंजिला भवन, नीचे व ऊपर २८ कमरे, आगे बरामदा, शोच-स्नानगृह की सुविधा। २,००,०००/१७. तेरापंथ जैन छात्रावास दो मंजिला भवन, ऊपर-नीचे १२ बड़े व २ छोटे कमरे, आगे बरामदा, सामने पक्का प्रांगण, रसोईघर। ८,०,०००/१८. अन्य गृह चौकीदारकक्ष चार, प्याउएं चार, स्नानघर दस, शौचघर पन्द्रह, मूत्रालय पैंतीस, इंजन घर एक, मोटर-गेरेज एक।। २५०००/१६. बगीचा साग-सब्जी व अनाज के लिये १७ बीघा जमीन, बिजली से चलने वाला कुआ। १८०००/२०. कुआ इंजन तथा बिजली से चलने वाला कुआ, टीनशेड। १००००।२१. खेल के मैदान २ हाकी, १ फुटबाल, १ बास्केटबाल, ४ बालिबाल, २ रिंग, २ कबड्डी के मैदान । १५०००/२२. कुल भूमि करीब ७५ बीघा भूमि जिसके चारों ओर पत्थर की पक्की दीवाल । ४००००/२३. विद्यालय भवन रामसिंह का गुड़ा पक्का भवन, बीच में हाल, दायें-बायें १० बड़े व ४ छोटे कमरे, आगे बरामदा, कुआ, ३ खेल के मैदान, कुल २० बीघा जमीन । १०००००/२४. औषधालय भवन रामसिंह का गुड़ा ८ बड़े कमरे, आगे बरामदा समय-समय पर १६६६ १६४७ १९७० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012044
Book TitleKesarimalji Surana Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmal Tatia, Dev Kothari
PublisherKesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages1294
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size34 MB
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