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________________ विद्याभूमि राणावास १६७ - क्षेत्रों में सिंचाई होती है । रबी एवं खरीफ की फसलें यहाँ होती हैं । वर्षा की कमी के समय एक फसल हो पाती है। यहाँ गेहूँ, जौ, ज्वार-बाजरा, चना, तिल, कपास, अरण्डी, तिलहन, शकरकन्द, ईसबगोल की उपज पर्याप्त मात्रा में होती है । शकरकन्द और ईसबगोल को राणावास से निर्यात किया जाता है। यहाँ लकड़ी चीरने की दो मशीनें, एक बर्फ की फैक्ट्री, अनाज पीसने की चार चक्कियाँ, कपास ओटने की दो मशीनें हैं । चमड़े की रंगाई का उद्योग यहाँ विकसित है । जनसंख्या राणावास स्टेशन की जनसंख्या २५०० है । विद्याभूमि राणावास में स्त्रियों की तुलना में पुरुषों की संख्या अधिक है। राणावास गाँव की आबादी करीब ५००० है । यहाँ स्त्री-पुरुषों की संख्या का अनुपात लगभग समान है। शिक्षा को आधार-शिला : विविध आयाम मानव हितकारी संघ यह संस्था ही कई संस्थाओं की जननी है जिसके कारण आज राणावास का स्वरूप उभरा है। शिक्षा की उन्नति एवं चरित्रोन्नयन के लिए सन् १९४४ ई० में इस संघ की स्थापना हुई। इसका पूरा नाम श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी मानव हितकारी संघ है । इसकी स्थापना का प्रमुख श्रेय सिरियारीनिवासी श्रीमान् बस्तीमलजी छाजेड़ को दिया जा सकता है और इसका विकास और उत्थान कर्मयोगी केसरीमलजी सुराणा के परिश्रम का परिणाम है। जैन तेरापंथ महाविद्यालय मानव हितकारी संघ द्वारा सन् १९७४ में स्थापित इस महाविद्यालय में प्रारम्भ में ५ विद्यार्थी अध्ययनरत थे । औसत रूप में अब तक विद्यार्थियों की संख्या में पर्याप्त वृद्धि हुई है । पिछले वर्षों में परीक्षा परिणाम वहुत शानदार रहे हैं। महाविद्यालय राजस्थान विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है और राजस्थान सरकार से मान्यता प्राप्त है। अब इसे स्थायी मान्यता मिल चुकी है। महाविद्यालय छात्रावास इसमें विद्यार्थियों को शुद्ध भोजन एवं आवास की सुविधा ही प्राप्त नहीं होतो अपितु प्रतिदिन एक घण्टा आध्यात्मिक चिन्तन का भी अवसर मिलता है। महाविद्यालय-छात्रावास भवन में ३३० विद्याथियों के आवास की सुविधा है। सुमति शिक्षा सदन मानव हितकारी संघ द्वारा स्थापित इस विद्यालय में उच्च माध्यमिक स्तर तक अध्ययन की सुविधा है। परीक्षा परिणाम की दृष्टि से इस विद्यालय ने पाली जिले में गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। आदर्श निकेतन छात्रावास सुमति शिक्षा सदन के विद्यार्थियों के लिए निमित इस छात्रावास में आध्यात्मिक शिक्षा, चरित्र-निर्माण, स्वास्थ्यप्रद भोजन एवं सुविधाजनक भवन की व्यवस्था है । यह छात्रावास भी श्री मानव हितकारी संघ द्वारा चलाया जा रहा है। जैन तेरापंथ छात्रावास इसकी स्थापना सन् १९७६ में हुई । इसमें प्राथमिक स्तर के विद्यार्थियों के लिए आवास की उत्तम व्यवस्था है। यह छात्रावास आदर्श निकेतन छात्रावास का अभिन्न अंग है। श्री जैन श्वेताम्बर मानव हितकारी संघ द्वारा संचालित विद्यालय एवं महाविद्यालय छात्रावास की सबसे Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012044
Book TitleKesarimalji Surana Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmal Tatia, Dev Kothari
PublisherKesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages1294
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size34 MB
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