SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 357
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ परिशिष्ट २ तेजो गीत का रूपांतर [१] गाज्यो गाज्यो जेठ-असाढ कंवर तेजाजी लगतो ही वूठो सावण-भादवो धरती-रो मांडण मेव कंवर तेजाजी आभै-री मांडण चमकै वीजळी छतरो-रो मांडण छाजो कंब र तेजाजी कूर्व रो मांडण मरतो केवड़ो ... गोरी-रो मांडण परण्यो सायबो सूतो सुख भर नींद कंवर तेजाजी ! थारा साथीड़ा वीजै कांकड़ बाजरो झूठी झूठ मत बोल मे जरणी माता ! म्हारा साथीड़ा हीडै रंग-रै पालणै झूठी बोलूं तो राम दुवाई कंवर तेजाजी ! थारा साथीड़ा वीज कांकड़ बाजरो कूण भातो भरै ओ जरणी माता ! कुण व ला बैलां-री नीरणी ? भावज भात भरै रे कंवर तेजाजी ! बैनड़ लाव बैला-री नीरणी कठै भात उतारूं कंवर तेजाजी ! कठै उतारूं बैलां-री नीरणी ? खेजड़ हेठे भात उतारो भावज म्हारी ! धौरै तो उतारो बैलां-री नीरणी भातो मोड़ो लायी ए भावज म्हारी ! दूजां-रो दोपारो तेजाजी-रो जीमणो घरै म्हारै काम घणो रे नानड़िया देवर ! भैंसा-री दुवारी दिन ऊगियो इसड़ो कांई भूखो रे ल्होड़िया देवर ! इसड़ो भूखाळू है तो लाव नी घर-री गोरड़ी कुण म्हारी सगाई करी भावज म्हारी ! कुण परणायो पीळा पोतड़ां वावल थारी करी सगाई रे कंवर तेजाजी! मामां तो परणायो पीळा पोतड़ां आ लै थारी रास-पिराणी भावज म्हारी ! खोज्यो तो खळकायो आडा ऊमरां भोजन तो जीम पधारो ल्होड़िया देवर ! भूखा तो गयां तो धोखा मारसी भोजन तो थारो माफ राखो भाव ज म्हारी ! तेजोजी उदमादियो चाल्यो सासरै खोलो ए भचड़-किंवाड़ जरणी माता ! बारै ऊभो कंवर लाडलो दोपारां घरै क्यू आयो रे कंवर तेजाजी !........." कांई थारै हळ-री हाल टूटी कंवर तेजाजी ! कांई टूटी थारै नाडी बाधली नहीं टूटी हळ-री हाळ जरणी माता ! नहीं तो टूटी नाडी बाधलो ........................''जरणी माता ! तेजो जासी उदमादियो सासरै ३२० : अगरचन्द नाहटा अभिनन्दन-ग्रन्थ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012043
Book TitleAgarchand Nahta Abhinandan Granth Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDashrath Sharma
PublisherAgarchand Nahta Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1977
Total Pages384
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy