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________________ उसे हिन्दी, गुजराती तथा मराठीमें 'हाथका मैल' कहते हैं। इस शब्दकी व्युत्पत्ति संस्कृत भाषामें ढूँढ़नी पड़ेगी। आपाततः इस शब्द प्रयोगसे जैसा दिखाई पड़ता है, वैसा मल (dirt) का यहां कोई सम्बन्ध नहीं। संस्कृत शब्द 'हस्तामलक से ही उपर्युक्त शब्दका प्रत्यक्ष सम्बन्ध है, ऐसा निस्सन्देह कहा जा सकता है। 'हस्तामलक' शब्दका अर्थ है-'हाथपर रखा हुआ आँवलेका फल ।' हाथपर रखे हुए आमलक फलका सर्वांगीण दर्शन एवं ज्ञान बड़ी सरलतासे होता है। अतः यह प्रतीक संस्कृत भाषासे प्राकृत भाषामें और वहाँसे प्रादेशिक भाषाओं में संक्रान्त हुआ। संक्रान्त होते समय एक 'आ'का लोप स्वाभाविकतया हो जाता है। उदाहरणके लिए 'कादम्बरी'में जाबालिके वर्णन–'हस्तामलकवत् निखिलं जगत् अवलोकयताम्'की तुलना 'वसुदेवहिण्डी' तथा 'कुमारपालचरिय' में प्रयुक्त वाक्यांश 'मुख्खोवाओ आमलगो विअ करतले देसिओ भगवया से की जा सकती है। 'ज्ञानेश्वरी' की प्राचीन मराठीमें हम 'जैसा की हातिचा आमळे' प्रयोग मिलता है। यही मराठीमें 'हातचा मळ' हो गया। 'जोहार' शब्द 'प्रवचन-सारोद्धार' तथा 'धर्मोपदेसमालाविवरण में झुककर नमस्कार करनेके अर्थमें आता है । यथा-'वच्छ ! ता पढमं दूराओ दळूण माणणिज्ज महया सद्देन जोहारो कीरइ ।' मराठीमें भी 'जोहार' शब्दका प्रयोग इसी अर्थमें होता है । यथा-'जोहार मायबाप जोहार ।' 'पाइयसद्दमहण्णवो' तथा अनेक मराठी-शब्दकोशोंमें इस शब्दको 'देशी' माना गया है तथा मराठी-शब्दकोश इस शब्दको फारसी शब्द 'जोहार से जोड़ते हैं। मेरा ऐसा विचार है कि यह शब्द न तो देशी है और न फारसीका ही। किन्तु व्युत्पत्तिकी दृष्टिसे संस्कृत शब्द योद्ध (योद्धा)से अधिक समीप है। प्रजा द्वारा राजाओंका संबोधन 'हे वीर (हे योद्धा) ऐसा होता था और उनको नमन किया जाता था। संस्कृत शब्द 'योद्ध'को प्राकृत शब्द 'जोहार'में सरलतापूर्वक बदला जा सकता है-योद्ध>जोहा>जोहार-तथा नमस्कार करनेसे इसको जोड़ा जा सकता है। १. प्रस्तुत निबन्धके हिन्दी रूपान्तर करने में मेरे शिष्य डॉ० उमेशचन्द्र शर्माकी मुझे सहायता मिली। अतः मैं उनका कृतज्ञ हूँ। १५४ : अगरचन्द नाहटा अभिनन्दन-ग्रन्थ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org .
SR No.012043
Book TitleAgarchand Nahta Abhinandan Granth Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDashrath Sharma
PublisherAgarchand Nahta Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1977
Total Pages384
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size11 MB
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