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________________ - १० - १८२ २२४ २३. महो०क्षमाकल्याण गणि की संस्कृत साहित्य-साधना डॉ० दिवाकर शर्मा १४६ २४. प्राकृत के कुछ शब्दों की व्युत्पत्ति डॉ. वसंत गजानन राहूरकर १५३ २५. अपभ्रंश कथा काव्यों की भारतीय संस्कृतिको देन डॉ० कस्तूरचन्द कासलीवाल १५५ २६. अपभ्रंश का एक अचर्चित चरितकाव्य डॉ० देवेन्द्रकुमार शास्त्री १६. २७. राजस्थान का युग-संस्थापक कथा-काव्यनिर्माता हरिभद्र (स्व०) डॉ० नेमीचंद्र शास्त्री २८. तथाकथित हरिवंशचरियं की विमलसूरिकर्तृता : एक प्रश्न (स्व०) डॉ० गुलाबचंद्र चौधरी १७८ २९. महाकवि रडधू की एक अप्रकाशित सचित्र कृति 'पासणाहचरिउ' प्रो० डॉ० राजाराम जैन ३०. शत्रुञ्जय तीर्थाष्टक महो० विनयसागर १८८ ३१. दिल्ली पट्ट के मूलसंघीय भट्टारक प्रभाचन्द्र और पद्मनन्दि पं० परमानन्द जैन शास्त्री ३२. अमरु शतक की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि डॉ० अजयमित्र शास्त्री १९८ ३३. 'कान्हड़दे प्रबन्ध' और उसका ऐतिहासिक महत्त्व डॉ. सत्यप्रकाश २०७ ३४. कान्हड़दे प्रबन्ध-सांस्कृतिक दृष्टि से मूल लेखक-डॉ० भोगीलाल सांडेसरा अनुवादक-श्री जयशंकर शर्मा २११ ३५. रामरासोकार महाकवि माधवदास दधिवाडिया श्री सौभाग्यसिंह शेखावत ३६. मेवाड़प्रदेश के प्राचीन डिंगल कवि श्री देव कोठारी ३७. राजस्थानी बातों में पात्र और चरित्र-चित्रण डॉ० मनोहर शर्मा खण्ड ३ : विविध ३८. जैनतर्कशास्त्र में हेतु प्रयोग डॉ० दरबारीलाल कोठिया ३९. जैन दर्शन में नैतिक आदर्श के विभिन्न रूप डॉ० कमलचन्द सौगानी ४०. ऐतरेय आरण्यकमें प्राण-महिमा आचार्य विष्णुदत्त गर्ग ४१. प्राचीन भारतीय वाङ्मय में प्रयोग श्री श्रीरंजन सूरिदेव २७२ ४२. श्री वल्लभाचार्यजी महाप्रभुजीका जीवन वृत्त अध्या० केशवराम का० शास्त्री ४३. द्वैत-अद्वैत का समन्वय श्री आनन्दस्वरूप गुप्त ४४. चित्रकाव्य का उत्कर्ष-सप्तसन्धान महाकाव्य श्री सत्यव्रत तृषित २९७ ४५. शिवराज भूषण में गुसलखाना का प्रसंग श्री वेदप्रकाश गर्ग ३०८ ४६. होथल निगाभरी और ओढ़ आम की सुप्रसिद्ध लोक कथा का वस्तुसाम्य एवं इसके आधार पर विचार श्री पुष्कर चन्दरवाकर ४७. 'तेजा' लोक गीत का एक नया रूपांतर श्री नरोत्तमदास स्वामी ४८. रणछोड़ भट्ट कृत कुमारकाव्य और महाराणा प्रतापसे सम्बन्धित दो विवादास्पद प्रश्न , डॉ० ब्रजमोहन जावलिया परिशिष्ट १. अगरचन्द नाहटा अभिनन्दनोत्सव समारोह का विवरण शुभ-कामना संदेश परिशिष्ट २, बीकानेर में आयोजित अभिनन्दन समारोह के निमित्त सहयोगदाताओं की शुभ नामावली २७६ २८९ ३१२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012043
Book TitleAgarchand Nahta Abhinandan Granth Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDashrath Sharma
PublisherAgarchand Nahta Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1977
Total Pages384
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size11 MB
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