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________________ शुभाशंसा नाहटाजी की विद्वता. नई-नई सृजन शक्ति, कवित्व शक्ति. संशोधन दृष्टि, स्वाध्याय वाचन, वृद्धावस्था में युवा जसा उत्साह. देवगुरु प्रत्ये की श्रद्धा आदि सद्गुण सचमुच प्रेरक एवं प्रशंसनीय है । नाहटा जी और ज्यादा काम करते रहें. दीर्घायुषी बने । -विजययशोदेव सूरि मानव अपने प्रमादवश उन्नत शक्ति को नष्ट करता है। श्रीयुत् भंवरलालजी नाहटा ने ज्ञानोपासना से अज्ञान की परिस्थिति से ऊपर उठकर जैन साहित्य का प्रकाश जनता को प्रदान किया । जैन शासन में खरतरगच्छ की महान सेवा से अत्यन्त प्रसन्नता हुई। शासन सेवा कर मानव भव सफल बनावें, यही पवित्र भावना । -जिनउदय सूरि सुश्रावक श्री भंवरलालजी सा० नाहटा ने संघ, समाज व साहित्य की जो दीर्घ काल तक सेवा की है, वह अभिनन्दन के योग्य है । मेरी शुभकामना के साथ हार्दिक आशीर्वाद है। -पद्मसागर सूरि श्रीयुत भंवरलालजी नाहटा का व्यक्तित्व, महामेघ की घटाओं में अपनी अद्भुत छवि प्रकीर्ण करने वाले इन्द्रधनुष की भाँति है। उनका कर्म-क्षेत्र सहस्रधारा तीर्थ के समान बहु-आयामी एवं बहु-विस्तृत है। वे आशुकवि हैं। हिन्दी, राजस्थानो आदि भाषाओं के साथ प्राकृत पद्यरचना में उनका चमत्कारिक नैपुण्य है। सामाजिक, धार्मिक, नैतिक, आध्यात्मिक एवं इतिहास आदि के संबंध में लिखे गये इनके अनेक-अनेक शोधलेख विद्वत्समाज में आदरास्पद हुए हैं। योगेन्द्र श्री सहजानन्दजी ने परम्परा प्राप्त श्री श्वेताम्बर परम्परा से कुछ भिन्न रेखा पर अपनी साधना को गतिशील किया । फिर भी श्री नाहटाजी का उनके प्रति श्रद्धा-भाव क्षीण न होकर निरन्तर बढ़ता ही रहा । यह उनके अन्तहदय में सहजभाव से उल्लसित होने वाली "गुगिषु प्रमोदम्" की उदात्त भावना है, जो एक प्रकार से सर्वोच्च मानवता का पवित्र अमृत निष्यन्द है । प्रसन्नता है. कलकत्ता महानगर में उनका अभिनन्दन-समारोह का आयोजन किया गया है। मैं अन्तहृदय से नाहटाजी के दीर्घ एवं यशस्वी जीवन के हेतु प्रभु-चरणों में सद्भावना रखता हूँ । - उपाध्याय अमर मुनि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012041
Book TitleBhanvarlal Nahta Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani
PublisherBhanvarlal Nahta Abhinandan Samaroh Samiti
Publication Year1986
Total Pages450
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size11 MB
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