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परम श्रद्धालु गुरुभक्त समाज सेवी सेठ श्री पन्नालाल जी लोढ़ा एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सुगनबाई टांडा, (धार) आपकी सरल भावना एवं गुरुभक्ति परायण वृत्ति रही है। समाज के प्रत्येक कार्य में आप अग्रगण्य रहे
हैं । श्री मोहनखेड़ा तीर्थ पर होने वाले उत्सवों में आप सदा प्रमुख सहयोगी रहते थे ।
परम गुरुभक्त सेठिया छोगमलजी एवं उनके सुपुत्र धर्मवीर सेठिया मोतीलाल जी, खाचरौद सेठिया मोतीलाल जी ने आपने जीवन में अनेक विविध आराधना एवं तपश्चर्या की और कर रहे हैं। आपने ८० ओली वर्धमान तप की एवं नगर के अनेकों नर-नारियों को इस पावन आराधना में जोड़ा। श्रीमद्यतीन्द्र सूरीश्वर जी म. के सान्निध्य में आपने नवपद उद्यापन उत्सव
___अत्यधिक चढ़ते भाव से करवाया
राजेन्द्र-ज्योति
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