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________________ परिषद् सहायता निधि मंजूषाएं विभिन्न घरों में स्थापित हुई हैं । धार्मिक विद्यालय की स्थापना के लिए परिषद् प्रयत्नशील धार्मिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। पाठशाला की वित्त व्यवस्था स्थानीय समाज द्वारा दिये जाने वाले दान एवं केन्द्रीय कार्यालय से मिलने वाली ५०) रु. प्रति मास अनुदान राशि से की जाती है । विद्यालय दो शिफ्टों में चलाया जाता है । प्रतिमाह संचालक मंडल द्वारा परीक्षा ली जाती है । बालकों में मिठाई वितरण व उपहार बांटे जाते हैं। परिषद् द्वारा संचालित सिलाई केन्द्र में १७ बालिकाएं सिलाई सीख रही हैं । २ मशीनें हैं । एक परिषद् शाखा बड़ावदा ने जुलाई व दुसरी केन्द्रीय कार्यालय से प्राप्त हुई । परिषद् के समाज उत्थान के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए स्थानीय समाज के व्यक्ति को १२५१/- का वित्तीय सहयोग दिया गया है । इस राशि में ५००/- केन्द्रीय कार्यालय द्वारा, ५००/श्रीमान् भगत सा. द्वारा तथा २५१/- स्थानीय समाज द्वारा दिए गये हैं। हमें प्रसन्नता है कि अब समाज के व्यक्ति इस राशि से व्यापार कार्य चलाकर अपनी जीविका उर्पाजन कर रहे हैं । व साथ में एक और समाज के व्यक्ति को एक क्विटल गेहूं ऋण के रूप में दिलाये गये । बालोदा लक्खा १४ फरवरी १९७६ बालोदा लक्खा के लिये एक स्वर्णिम दिवस था । इस दिन संयोग से पू. मुनिराजश्री जयंत विजयजी का वहां आगमन हुआ और जिनालय की प्रतिष्ठा के साथ ही परिषद् की स्थापना हुई। परिषद् के सभी युवक उत्साही हैं और निरंतर समाज संगठन के कार्य में संलग्न है। परिषद् के पदाधिकारी इस प्रकार हैं:-- (१) श्री इन्द्रमल खाबिया अध्यक्ष (२) श्री रतनलालजी बोहरा उपाध्यक्ष (३) श्री अशोककुमार जैन मंत्री (५) श्री अनोखीलाल जैन कोषाध्यक्ष केन्द्रीय प्रतिनिधि (१) श्री रमेशचन्द्र पीरूलालजी (२) श्री अशोककुमारजी जैन विभिन्न स्थानों पर परिषद् सहायता निधि स्थापित की गई है और धार्मिक विद्यालय की स्थापना के लिए परिषद् प्रयत्नशील सामाजिक सद्भाव व एकता के लिए यहां पर क्षमापना दिवस स्थानक व मंदिर वासी का सामूहिक रूप से मनाया गया । स्थानीय परिषद् शाखा ने स्वल्पाहार आयोजित किया। कार्तिक पूर्णिमा पर स्वामीवात्सल्य परिषद् के माध्यम से हुआ। महावीर जयन्ती पर्व भी स्थानक व मंदिर वासी द्वारा सामूहिक मनाया गया। विवाह आदि में सदस्यगणों द्वारा समाजसेवा की दृष्टि से भाग लिया जाता है । साथ में विवाह आदि समारोहों में स्थानीय शाखा द्वारा सामग्री भी दी जाती है। प्रतिमास बैठक होती है । परिषद् शाखा द्वारा सात सहायता पेटियां लगाई गई हैं। शाखा सदस्य संख्या सोलह है। महिला परिषद् का गठन भी हो चुका है। महिला परिषद् की सदस्य संख्या भी सोलह है। वर्तमान में पदाधिकारियों के नाम इस प्रकार हैं:- श्री कोमलसिंहजी बापना (अध्यक्ष), श्री शान्तिलालजी चत्तर (उपाध्यक्ष), श्री निर्मलजी सकलेचा (मंत्री), श्री समरथमलजी जैन (कोषाध्यक्ष) तथा श्री अनोखीलालजी (प्रचार मंत्री) । केन्द्रीय प्रतिनिधियों में श्री पुखराजजी सकलेचा, श्री श्रीपालजी सकलेचा तथा निर्मलजी सकलेचा सम्मिलित हैं। खरसोद कलां भाटपचलाना भाटपचलाना दि. १५ मार्च १९७६ का शुभ दिन शाखा परिषद् की स्थापना के साथ जोड़ा गया । यह ग्राम खाचरौद के निकट स्थित है। यद्यपि यह ग्राम छोटा है किन्तु यहां के युवकों में अथाह उत्साह है । परिषद् के १८ सदस्य है। परिषद् के पदाधिकारी इस प्रकार हैं(१) श्री रतनलाल गिरिया अध्यक्ष (२) श्री सुजानमलजी उपाध्यक्ष (३) श्री मिश्रीमलजी बुपभ्या सचिव (४) श्री जयंतिलालजी कटलेचा । कोषाध्यक्ष ___ केन्द्रीय प्रतिनिधि (१) श्री शांतिलालजी गिरिया यहां पर एक धार्मिक विद्यालय का संचालन किया जा रहा है जिसमें समाज के छात्र-छात्राएं अध्ययन करते हैं । केन्द्रीय परिषद् की ओर से अनुदान ५०) रु. नियमित रूप से प्रदान किया जाता है। ग्राम में वार्षिक उत्सव, नाटक, शुक्क पक्षीय चतुर्दशी, को आइंबिल पूजन, जन्मोत्सव, स्वाभिवात्सल्य, महावीर जयंती आदि कार्यक्रम होते रहते हैं। अनेक स्थानों पर परिषद् सहायता निधि मंजूषाएं स्थापित हुई हैं । गुरु मंदिर तथा धर्मशाला बनाने की योजना बनाई जा रही है। __शीघ्र ही बाल परिषद् महिला परिषद् की स्थापना केन्द्रीय पदाधिकारी के निर्देशन में स्थापित की जा रही है। . अ. भा. श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद् खरसोद कलां (उज्जैन म. प्र.) का १७ सितम्बर १९७७ को श्री सूरजमल चौधरी की प्रथम अध्यक्षता में पुनर्गठन हुआ। परिषद् के ११ सदस्य हैं और श्री चौधरी की अध्यक्षता में परिषद् का संचालन हो रहा है। शाखा परिषद् के श्री प्रकाश चन्द्र जैन केन्द्रीय प्रतिनिधि हैं और गांव में २५ कुटुम्ब पूज्य श्री राजेन्द्रसूरीश्वरजी के अनुयायी हैं। वी. नि. सं. २५०३ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012039
Book TitleRajendrasuri Janma Sardh Shatabdi Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPremsinh Rathod
PublisherRajendrasuri Jain Navyuvak Parishad Mohankheda
Publication Year1977
Total Pages638
LanguageHindi, Gujrati, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size38 MB
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