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________________ पधारिये ! पधारिये !!! पधारिये !! ॥ शासनाधीक्ष श्री वर्द्धमान स्वामिने नमः ॥ ॥अनन्त लम्बिनिथानाय भी मौतम स्वामिने नमः ।। समाज संगठन धार्मिक शिक्षा प्रचार समाज सुधार भार्थिक स्थिति सुधार के चतुर्मुखी मंगलमय सिद्धान्तों को लेकर के प्रस्थापित - अखिल मालव मेवाड़ प्रान्तीय ---- 2 श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद का C. तृतीय-अधि वे श न स्थाचरोद नगर (म. प्र.) के प्रांगण में दिनांक १६, २० मई ६१ प्रथम ज्येष्ठ सुदी ५, ६ शुक्र, शनिवार को श्री सोभाग्यमलजी सेठिया की. ए. एल एल. बी. निम्बाहेड़ा निकासी की अध्यक्षता में सम्पन्न होने जा रहा है। 卐 ॐ इस पुण्य अवसर पर कधि कोविद श्रादरणीय मुनिराज सर्वश्री विद्या विजयजी महाराज की प्राज्ञा से मुनिराज सौभाग्य विजयजी म., मुनि देवेन्द्र विजयजी, मुनि रसिकविजयजी मुनि जयन्त विजयजी. मुनि जयम विजयजी, * - पुण्य विजयजी, मुनि भुवन विजयजी महार रहे हैं। साथ ही शाखा परिषद के प्रतिनिधि समाग के प्रयगण्य श्रेष्ठिकर मोर गुरु मक्तसज्जम पधार रहे हैं। अधिक संख्या में पधारिये और अधिवेशन को सफल बनाइये। अधिवेशन में अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर विचार किया जायमा । निवेदकअधिवेशन व्यवस्थापक समिति, मोरसली, प्रामगीपारा, स्वानरीद (म.प्र.) (तृतीय अधिवेशन पर प्रकाशित पोस्टर का प्रति मुद्रण) राजेन्द्र-ज्योति Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012039
Book TitleRajendrasuri Janma Sardh Shatabdi Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPremsinh Rathod
PublisherRajendrasuri Jain Navyuvak Parishad Mohankheda
Publication Year1977
Total Pages638
LanguageHindi, Gujrati, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size38 MB
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