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________________ संदेश उप-राष्ट्रपति, भारत नई दिल्ली VICE-PRESIDENT INDIA NEW DELHI २५, नवम्बर १९७५ प्रिय महोदय, आपका पत्र दिनांक १० नवम्बर, १९७५ का प्राप्त हुआ, धन्यवाद । मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आप मुनि श्री अम्बालाल जी के (संयम जीवन के) इकावनवें वर्ष के प्रवेश के उपलक्ष में सार्वजनिक अभिनन्दन करने जा रहे हैं और इस अवसर पर उन्हें एक अभिनन्दन ग्रन्थ भी भेंट किया जायेगा। मैं अभिनन्दन समारोह की सफलता के लिये अपनी हार्दिक शुभ कामनायें भेजता हूँ। आपका, -ब० दा. जत्ती RAJ BHAVAN BANGLORE २२ नवम्बर, १९७५ मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि पूज्य प्रवर्तक श्री अम्बालाल जी महाराज के संयम पर्याय के पचास वर्ष के पूर्ण होने के उपलक्ष में उनकी सेवाओं के लिये उनका अभिनन्दन किया जा रहा है और उस अवसर पर एक अभिनन्दन ग्रन्थ भी समर्पित किया जा रहा है। इस अवसर पर मैं उनको अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ और अभिनन्दन समारोह की सफलता के लिये अपनी शुभ कामनायें भेजता हूँ। --मोहनलाल सुखाड़िया [राज्यपाल, कर्नाटक] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012038
Book TitleAmbalalji Maharaj Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaubhagyamuni
PublisherAmbalalji Maharaj Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1976
Total Pages678
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size26 MB
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