SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 98
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ कोंकण केशरी पद प्रदान समारोह - एक झलक मोहने (कल्याण) महाराष्ट्र में प्रात:स्मर्णिय, कलिकाल कल्पतरु श्रीमद् विजय राजेन्द्रसूरिश्वरजी म. सा. की गुरू जयन्ती का भव्य आयोजन प. पू. गच्छाधिपति वर्तमान आचार्य देवेश श्रीमद् विजय हेमेन्द्रसूरिश्वरजी म. सा. के आज्ञानुवर्ती श्रमण सूर्य प. पू. मुनिराज श्री लक्ष्मणविजयजी म. सा. के शिष्य रत्न प. पू. प्रवचनप्रभावक, मृदुभाषी, सरल स्वभावी मुनिराज श्री लेखेन्द्रशेखर विजयजी म. सा. प. पू. वात्सल्य महोदधि मुनिराज श्री लोकेन्द्रविजयजी म.सा. एवं श्रमणीवर्या पू. गुरूणिजी म. श्री मगनश्रीजी म. सा. की शिष्यरत्ना विदुषी साध्वीजी श्री पुष्पाश्रीजी म. सा. आदीठाणा ७ की पावनीय निश्रा में श्री पद्मावती ऑइल मिल्स की ओर से पोष शुकला ७ सोमवार, २४ डिसेम्बर ९० को गुरु जयन्ती का भव्य महोत्सव आयोजित किया गया। गुरु जयन्ती के इस स्वर्णिम अवसर पर पूज्य मुनिराज श्री लेखेन्द्रशेखर विजयजी म. सा. को समस्त कोंकण प्रदेशिय श्री संघो की भावनाओं को साकार करते हुए श्री संघ मोहने जैन संघ की ओर से "कोंकण केशरी पद' प्रदान समारोह का भव्य आयोजन आयोजित किया गया था। प्रात: से ही समग्र महाराष्ट्र प्रदेश की धर्म परायण जनता "गुरु पर्वोत्सव" एवं जन-जन के प्रियातिप्रिय पू. मुनिराज श्री को "कोंकण केशरी' पद से विभुषित कर उनकी अभूतपूर्व जिन शासन प्रभावना में अनुमोदनार्थ पुण्याई में सहभागी बनना चाहती थी। पूजा दादा गुरुदेव के पक्षाल पूजा आदि का कार्यक्रम होते ही श्री अजित जैन मण्डल के सौजन्य से "कोंकण केशरी' पद प्रदान के उपलक्ष में सुबह १० बजे ऑर्केष्ट्रा का रंगारंग कार्यक्रम था। "गुरुवर कोंकण के आइजो, गुरुवर ज्ञान गंगा' का गीत प्रस्तुत होते ही तालियों की गुंज से आकाश मण्डल गुंज उठा। गीत की प्रस्तुती में समस्त, कोंकण प्रदेश के ऐतिहासिक उल्लेखनीय कार्यों का वर्णन इतना चतुराई से किया गया कि श्रोतागण भाव विभोर बन गये। विभिन्न गायक और गायीकाओंने यह कार्यक्रम शानदार ढंग से पेश किया। मोहना नगर में देखते ही देखते हजारों की जन मेदिनी जन संख्या आज के इस अभूतपूर्व कार्यक्रम में पूज्य दादा गुरुदेव की जयन्ती एवं "कोंकण केशरी' पद समारोह को देखने के लिए आतुर थी। जयजयकार के जयघोष वातावरण में पूज्य मुनिराज श्री लेखेन्द्रशेखरविजयजी म. सा. व लोकेन्द्रविजयजी म.सा. साध्वीजी श्री पुष्पाश्रीजी म. सा. आदि ठाणा विशाल मंच को सुशोभित कर रहे थे। सभा का प्रारंभ श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु के दिप प्रज्जवलन से हआ। दिप प्रज्जवलन श्री अशोकजी बाफना एवं माल्यापर्ण श्री भीनमाल निवासी दानवीर श्रेष्ठीवर्य श्री डूंगरमलजी सरेमलजी दोशी के कर कमलों से हुआ। पूज्य दादा गुरुदेव का दीप प्रज्ज्वलन का चढावा लेकर श्री धनराजजी राजमलजी सुमेरपुर एवं भीनमाल निवासी श्री सायरमलजी माणकचन्दजी के कर कमलों से माल्यार्पण विधि सम्पन्न श्री चन्दनमलजी मुथा सभा का संचालन कर रहे थे। सभा का प्रारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी गुरु जयन्ती का भव्य आयोजन हो रहा है। परन्तु इस बार पूज्य श्री लेखेन्द्रशेखरविजयजी म. सा. को "कोंकण केशरी' पद से अलंकृत किया जा रहा है। पूज्य श्री के धर्म यात्रा का प्रारंभिक चरण इसी मोहना नगर से प्रारंभ हुआ था। जो वस्तु उत्तमोत्तम हो उसे ही जिनेन्द्र पूजा में रखना चाहिए। ११३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012037
Book TitleLekhendrashekharvijayji Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpashreeji, Tarunprabhashree
PublisherYatindrasuri Sahitya Prakashan Mandir Aalirajpur
Publication Year
Total Pages320
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy