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________________ - यतीन्द्रसूरि स्मारक ग्रन्थ - इतिहास सन्दर्भ सूची नाहटा अगरचन्द - जैन श्रमणों के गच्छों पर संक्षिप्त प्रकाश, यतीन्द्र सूरि अभिनन्दनग्रन्थ (आहोर १९५८ ई.) पृ. १३५-१६५ २. आषाढ़ादि पनर ओकेतरइ, पोसवादि इग्यारिसि अंतरइ। धंधूकपूरि कृपारस सत्र सोमवार समर्थिक अचरित्र।। कुमतरुख वणभंग गइंद जिनशासन रयणायर इंदु। सद्गुरू श्री अमरसिंह सूरिंद सेवई भविय जसुय अरविंद ।। तसुपाटि नयनानन्द अमीबिंदु गुरु, श्री हेमरत्नसूरि मुणिंद । आगमगच्छ प्रकाश दिणिंद जसु दीसइ वर परि यरविंद ।। सुगुरु पसाई नयर गोआलेर, धणी पुण्यसार रिद्धिउ कुबेर । तासु गुम इस वर्णवइ अजस्त्र, साधुमेरुगणि पडित मिश्र।। देसाई, मोहनलाल दलीचंद, जैन गुर्जर कविओं (नवीन संस्करण, अहमदाबाद १९८६ ई.) भाग-१,पृ.८५ और आगे. ८५ और आगे। ३. देसाई, पूर्वोक्त, पृ. ४७८ और आगे। ४. वही, पृ. २०१ - २०२ ५. देसाई पूर्वोक्त पृ. ३३७ और आगे मिश्र शितिकंठ - हिन्दी जैन साहित्य का वृहद् इतिहास (भाग-१) मरु गुर्जर (वाराणसी १९९० ई.) पृ. ४०० ७. मिश्रशितिकंठ - पूर्वोक्त, प्र.३३४ और आगे कर्मग्रन्थ- रचनाकाल वि.सं. १४५०; मलयसुन्दरीकथा- रचनाकाल अज्ञात : सुलसाचरित (प्राचीन प्रति वि.सं. १४५३) कथाकोश (विसं. १५ वी. शती का । मध्य ९. स्थूल भद्र कथानक - प्रकाशित १०. मल्लिनाथ चरित (१३ वीं शती के आसपास) ११. स्थूल भद्ररास (१६ वीं शती के प्रथम चरण के आसपास) १२. जैन विद्या के आयाम (दलसख भाई मालवणिया) भाग-३ dridwardrobritondinbudhbridwardrobrotdoorbordindistori[१०२wordnironirodroidroidrolordinditorirandioudharbadwidwar Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012036
Book TitleYatindrasuri Diksha Shatabdi Samrak Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinprabhvijay
PublisherSaudharmbruhat Tapagacchiya Shwetambar Shree Sangh
Publication Year1997
Total Pages1228
LanguageHindi, English, Gujarati
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size68 MB
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