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________________ २००१ आहोर(भेसवाडा) २००२ आकोली २००३ बागरा २००३ हरजी २००३ २००५ थराद २००५ थराद - यतीन्द्रसूरि स्मारकग्रन्थ - परिशिष्ट माघ सुदि ६ शुक्रवार को मुनि श्री कान्तिविजयजी, मुनि श्री हेमेन्द्र विजयजी को बड़ी दीक्षादी। माघ सुदि ५ को सूरतनिवासी श्राविका दीपावली बाई की दीक्षा देकर साध्वी देवेन्द्र श्री जी नाम दिया। वैशाख सुदि ३ को बागरानिवासी श्राविका श्रीनवीबहिन रखवी बहिन को दीक्षा देकर साध्वी कुसुम श्री जी व साध्वी कुमुद श्री जी नामदिया। जेठ वदि६ को अंघाडी निवासी श्री जेठाभाई व पेथापुर निवासी देवाभाई हरजीनिवासी श्री विकारबाई को दीक्षा देकर क्रमशः श्री मुनिराज सौभाग्यविजयजी मुनि श्री शान्ति विजयजी, साध्वी क्षमाश्रीजी नाम दिया। माघ सदि५ को श्री भेरूलालजी धाडीवाल जावरा निवासी के सपत्र शान्तिलाल को दीक्षा देकर मुनिराज देवेन्द्रविजयजी नाम दिया। माघ सुदि ६ को मुनि श्री विमलविजयजी मुनि सौभाग्यविजयजी मुनि शान्तिविजयजी मुनि श्री देवेन्द्रविजयजी साध्वी प्रसन्नश्रीजी, साध्वी देवेन्द्रश्रीजी, साध्वी कुसुमश्रीजी, साध्वी कुमुदश्रीजी तथा क्षमाश्रीजी को बड़ी दीक्षा दी। माघ सुदि६ को आकोली निवासी श्रीमति धर्मीबाई धर्मपत्नी अभयचन्द्रजी को दीक्षा देकर साध्वी चन्द्रप्रभाश्रीजी नाम दिया। माघ सुदि ८ को मारेसिमनिवासी श्रावक श्री कानराजजी को दीक्षा देकर मुनि श्री रसिकविजयजी नाम दिया माघ सुदि ४ रविवार को थरादनिवासी स्वरूप चन्द्रजी धरु के सुपुत्र पूनमचन्द व जावरानिवासी भेरुलालजी धाडीवाल के सुपुत्र कान्तिलाल को दीक्षा देकर क्रमशः मुनिराज श्रीजयन्तविजयजी मुनिराज जयप्रभविजयजी नाम दिया। मगसर वदि ११ को थरादनिवासी माधवलालजी धरु को दीक्षा देकर मुनि श्री पुण्यविजयजी नाम दिया। जेठ वदि६ को भीनमालनिवासी मनोहरमल दीक्षा देकर मुनि भुवन विजयजी मुनि नाम दिया। कार्तिक सुदि ११ को मुनि श्री जयन्तविजयजी मुनिराज जयप्रभविजयजी, मुनि श्री पुण्यविजयजी, मुनि भुवनविजयजी, मुनि लक्ष्मण, विजयजी, साध्वीजी चन्द्रप्रभा श्रीजी, श्री महाप्रभा श्रीजी, अशोक प्रभाश्रीजी, महेन्द्र श्रीजी, स्वयंप्रभा श्रीजी आदि को बड़ी दीक्षा दी। जेठ सुदि ३ को पारा में मुनि श्री कंचन विजयजी साध्वीजी हेमप्रभा श्रीजी को बड़ी दीक्षा दी। २००५ थराद २०१० सियाणा २०११ आहोद २०१२ मोहनखेड़ा तीर्थ २०१२ श्री मोहनखेड़ा तीर्थ २०१४ पारा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012036
Book TitleYatindrasuri Diksha Shatabdi Samrak Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinprabhvijay
PublisherSaudharmbruhat Tapagacchiya Shwetambar Shree Sangh
Publication Year1997
Total Pages1228
LanguageHindi, English, Gujarati
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size68 MB
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