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ज्योतिर्धर आचार्य : संक्षिप्त जीवन-रेखा / ५
माता-श्रीमती सुन्दरदेवी पिता-श्री आनन्दराजजी लूणिया जन्मस्थान-पोकरण दीक्षातिथि--मार्गशीर्ष शुक्ला तृतीया, सं. १८४२ दीक्षास्थान-बुचकला दीक्षागुरु-प्राचार्यश्री आसकरणजी म. सा. युवाचार्यपद-चैत्र शुक्ला पंचमी, संवत् १८८१ प्राचार्यपद-माघ शुक्ला त्रयोदशी, सं. १८८२ जोधपुर में स्वर्गवास-वैशाख शुक्ला नवमी, संवत् १९०३ आप छन्दशास्त्र के ज्ञाता, पागम-साहित्य के जानकार एवं सफल कवि थे ।
आपके पाँच शिष्यों के नाम इस प्रकार हैं-१. श्री बिरदीचन्दजी म. २. श्री पृथ्वीचन्दजी म. ३. श्री कर्मचन्दजी म. ४. श्री हिम्मतमलजी म. और ५ नाम उपलब्ध नहीं है। ५. आचार्य श्री हीराचन्दजी म. सा.
जन्मतिथि-भाद्रपद शुक्ला पंचमी, संवत् १८५४ माता-श्रीमती गुमानदेवी पिता---श्री नरसिंहजी कांकरिया जन्मस्थान-बिराई ग्राम (राजस्थान) दीक्षातिथि-पाश्विन कृष्णा तृतीया, संवत् १८६४ दीक्षास्थान—सोजत शहर दीक्षागुरु-प्राचार्यश्री आसकरण जी म. सा. प्राचार्यपद-आषाढ़ शुक्ला नवमी, सं १९०३, जोधपुर में स्वर्गवास–फाल्गुन कृष्णा सप्तमी, संवत् १९२०
आप एक अच्छे कवि थे। अापकी रचनात्रों में शब्द-सौन्दर्य, छन्दो-नियम प्रादि का विशे
शिष्य-१. श्री किशनाजी म. २. श्री कल्याणजी म. ३. किस्तूरचन्दजी म. ४. श्री मूलचन्दजी म. और ५. श्री भीकमचन्दजी म. ।
६. आचार्य श्री किस्तूरचन्दजी म. सा.
जन्मतिथि–फाल्गुन कृष्णा तृतीया, संवत् १८९८ माता-श्रीमती कुन्दनादेवी पिता-श्री नरसिंहजी मुणोत जन्मस्थान-बिसलपुर दीक्षातिथि-संवत् १९०७ दीक्षास्थान-पाली
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