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________________ १५४ श्री उदयसिंह भटनागर = नगर ऊर=नगर; जैसे नाग+ऊर= नागौर, बाग+ऊर=बागौर, खमण+ऊर-खमणौर, जाल+ ऊर=जालोर बिल = धनुष विल, बिल, भिल,मिल्ल (=भील) बेल (देखो-अाधु० बेलदार=भील = हल वे-एर (वेरवो, वेरनो)=चीरना वे-उ-ल्व = बर्खा भाला वल्लव, वल्लम, बल्लम, भल्लम भाला कुछ अन्य द्रविड़-भीली शब्द:तमिल - कुदिरै भीली-कूतरी-भैरव का घोड़ा -वाहन (घोड़ा) कन्नड़ - कुदुरे कुत्ता कूतर, कुत्तुल, तुतुल (बोली में तू-तू),=देखो प्राकृत कुक्कुर, कुत्तुर, आधु० कुत्ता । तमिल - गुर्रम 1-वाहन (घोड़ा) भीली-टेघडु-भैरव का घोड़ा तेलुगु गुरु मु, गुरर । (कुत्ता) मिलामो-राज० घोटडो (टेघड़-घोटड़) और सं० घोटकः और मिलायो - राज० - घोटड़ >घोत्र, घुत्र; भीली - कुत्रु, कूतर, तमिल - कुतिरे, कन्नड़ - कुदुरे = प्राचीन मिश्री - हज् (htr)। इस प्रकार स्पष्ट है कि भीली-द्रविड़ भाषा तत्वों के गहन अध्ययन से इनकी प्राचीन भाषा और संस्कृत सम्बन्धी अनेक रहस्यों का उद्घाटन सम्भव है। राजस्थान में द्रविड़ प्रभाव का कुछ प्राभास उपयुक्त उदाहरणों से मिल जाता है। राजस्थान की राजकीय संस्कृति स्पष्टत: भीली-द्रविड़ तत्वों से सम्बन्धित है और राजस्थानी भाषा के अाधार में भी वे तत्व वर्तमान हैं जो इस तथ्य की पुष्टि करते हैं । ऊपर दिये गये उदाहरणों से इसका थोड़ा सा स्पष्टीकरण आवश्यक है : प्राचीन द्रविड़ शब्दों 'कोट्ट' और 'अरन्' को लीजिये । इनके भीतर जो अर्थ है उसका तात्पर्य किसी दुर्ग और रणभूमि से है। दोनों का प्रयोग राजस्थान में उसी अर्थ में होता आया है । दूसरा शब्द 'पुल्वन' है, जिसका सम्बन्ध 'पल्लवी' (अधिपति या राजा) के साथ जुड़ा हुआ है । तमिल में इस शब्द का अर्थ 'राज कवि' होता है । इसका राजस्थानी रूप पड़हो>पड़वो बराबर प्रयुक्त होता आया है २६ । इसका आधुनिक राजस्थानी रूप 'बड़वो' जो इसी जाति के परिवार विशेष के लिये आज भी बराबर प्रयुक्त होता है। इस शब्द के इन रूपों को मिलाने से यह सम्बन्ध स्पष्ट हो जायगा। २६-देखो हेमरतन कृत पदमणि चउपई (वि० सं० १६४५), आगलि पड़ह फिरतउं दीठ (६६) । पूछल लागा पहड विचार (७०) । For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.012033
Book TitleJinvijay Muni Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania
PublisherJinvijayji Samman Samiti Jaipur
Publication Year1971
Total Pages462
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size13 MB
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