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________________ %3D ( २४ ) महासती कुसुमवतीजी का जीवन दर्शन -कन्हैयालाल गौड मेरा प्रणाम -नेमीचन्द जैन मेड़ता सिटी । शत शत प्रणाम -श्रीचन्द डोसी श्रद्धा सुमन -नाथुलाल चण्डालिया कपासन कोटि-कोटि वन्दन -कन्हैयालाल गौड, उज्जैन सेवा की साक्षात् मूर्ति -उम्मेदमल जैन, जयपुर युग युग जीयें -कमल मेहता, अलवर जिनशासन को ज्योति -खूबीलाल खोखावत डबोक यथानाम तथागुण -कमला मोताजी, इन्दौर यह माथे का चन्दन है -कवि निर्मल 'तेजस्वो' उदयपुर समर्पण ~श्री हीरालाल जैन, खरड़ (पंजाब) खिला कुसुम जग बगिया में -कवि श्रेणीदान चारण बीकानेर कसुम नाम वह प्यारा है -वैरागन गुणमाला चपलोत युग की मीरा को नमन मेरा -गीतकार रमेश चैतन्य, बम्बई अध्यात्मयोगिनी शत शत वन्दन -अनुराधा जैन, उदयपुर जैनाचार्य से कम नहीं -युवा कवि धर्मेश छाजेड़, सूरत तप की देवी को है वन्दन -युवा कवि गीतकार हरीश व्यास, प्रतापगढ़ किस विध नमन करू -श्री भंवरलालजी चपलोत, नाथद्वारा अभिलाषा -वनिता चपलोत, नाथद्वारा भिनन्दन --कन्हैयालाल गौड़, उज्जैन महके सुमन-सुरभित पवन -श्रीमती विजयलक्ष्मी, उदयपुर कुसुम तुम सचमुच कुसुम -श्रीमती विजयकुमारी बोथरा, मण्डी गीदड़वाहा उजाला करने एक ज्योति आई -कवि साधक दरक, उदयपुर महासती श्री कुसुमवती जी संयम व ज्ञान -उत्तमचन्द डागा की अनुपम ज्योति बगिया में एक कुसुम खिला -पुरुषोत्तम 'पल्लव', उदयपुर महिमा का नहीं कुछ पार -श्रीमती विमला देवी जैन सज्झी-रयण-सिरी-कुसुमवई -डॉ० उदयचन्द जैन सरलता की मूर्ति -डॉ० गुलाबचन्द जैन सरलता की निशानी -श्री कंवरचन्दजी जैन -श्री पदमचन्द जैन ORGAD साध्वीरत्न कुसुमवती अभिनन्दन ग्रन्थ Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org,
SR No.012032
Book TitleKusumvati Sadhvi Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyaprabhashreeji
PublisherKusumvati Abhinandan Granth Prakashan Samiti Udaipur
Publication Year1990
Total Pages664
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size25 MB
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