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________________ वंदन-अभिनंदन ! । सेवा हित संघ खड़ा पैर पर, पलक पावड़े बिछा रहे।। सब जन इनको साथ दे रहे, कितना पुण्य कमाया है। फिर लख अर्ध शती दीक्षा की, आज यह ठाट लगाया है। गुरू-गुरुणी सा आस-पास थे, उनको विनती कर लाये। जन सागर भी उमड पड़ा है, समोशरण सा दिखलाये।। आज गुरुवर का हम सारे, हर्षित हो बहुमान करे। आभार प्रगट कर सेवाओं का, श्रद्धा से गुणगान करे।। देश-विदेशों में भी सुन यह, दीक्षा दिन की अर्ध शती । सन्त सती कई विद्वद् जनों के, श्रद्धा मन में जगी अती।। परोक्ष परिचय आपसे, अविचल अंतर हर्ष । दीपक जब सौभाग्य हो, प्रत्यक्ष सद्गुरु दर्श। पुनः-पुनः गुरो ! वन्दना, आप करो स्वीकार । प्रेषित करता पत्रशुभ, 'दीपक' कलम पुकार ।। 0 दीपक भाई मु. रूंदिया, (भोपालगढ़), राजस्थान | श्रमण संघ की ढाल, हृदय से विशाल 0 हस्तीमल समदड़िया वलसरवाक्कम, चेन्नई श्रमण रत्न श्री सुमन मुनि महामहिम, महितल निधि, कोविद-कुलशृंगार । श्रमण रत्न श्रीसुमन मुनि, स्पष्ट प्रवचनकार ।। आगमज्ञ-आत्मज्ञ है, जिनाकाश भास्वान । न्याय निष्ठ निर्ग्रन्थवर, गण वल्लभ धीमान ।। निष्कारण, तारण-तरण, निर्भय-निरहंकार । सदा रहे जयवन्त जग, विशदाचार विचार ।। सुखपृच्छा अभिवन्दना, सादर हो स्वीकार । दूरस्थित भी देह से, करता बारम्बार । । प्रतिपल आत्मिक साधना, अधिकाधिक आनंद । प्रभो ! शुभाशीर्वाद से, हर्षित मन अरविंद ।। अहो-अहो! नाम-श्रवण, जरा नहीं पहचान । फिर भी मंगल भावना, करूँ पत्र प्रस्थान । सुखद साहित्य-साधना, नित्य निरन्तर नाज। श्रमणाश्रित उर-लेखनी, सेवा संघ-समाज।। श्रमणसंघ के सलाहकार, निर्ग्रन्थ सन्त, कविरत्न, कलम के धनी, प्रभावशाली व्यक्तित्व श्री सुमनमुनिजी म.सा. के चरण कमलों में सविनय श्रद्धार्पण के साथ वन्दन ! दीक्षा-स्वर्ण जयंति पर अभिनंदन | श्रमणसंघ की ढाल, हृदय से विशाल, जैन समाज के प्राण संतों में संत महान्। श्रमणसंघ की माला के मोती, आपकी अनुपम वाणी-ज्योति । पुनः-पुनः वन्दन - अभिनंदन ! के. मोतीलाल रांका अध्यक्ष : श्री व.स्थ. जैन श्रावक संघ, चिकपेट, बेंगलोर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012027
Book TitleSumanmuni Padmamaharshi Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadreshkumar Jain
PublisherSumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai
Publication Year1999
Total Pages690
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size24 MB
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