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________________ श्रीमान् धर्मप्र मी गुरुभक्त श्रीमान् धर्मप्रेमी शान्तिलालजी तलेसरा, सूरत लक्ष्मीलालजी तलेसरा, सूरत मेवाड़ अपनी आन-बान और शान के लिए सदा विश्रुत रहा है, वहाँ पर दानवीर, धर्मवीर रणवीर नर सद हैं। वीर सेनानी की तरह कर्त्तव्य के महापथ पर निरन्तर बढ़ने में गौरवानुभूति करते रहे हैं। मेवाड़ में शताधिक व्यक्तियों ने साधना-मार्ग को स्वीकार कर अपने जीवन को चमकाया है। कितने ही ज्ञानी-ध्यानी जपी-तपी महात्मा सन्त वहाँ हुए हैं तो सन्तों के प्रति अपार निष्ठा रखने वाले श्रावक और श्राविकाओं की भी वहाँ कमी नहीं है। श्रीमान् शान्तिलालजी लक्ष्मीलालजी तलेसरा ऐसे ही गुरुचरणों में समर्पित व्यक्ति हैं। आप मेवाड़ में यशवन्तगढ़ के निवासी हैं। आपके पूज्य पिताश्री का नाम शिवलालजी और मातेश्वरी का नाम नवलबाई था। दोनों ही सुश्रावक और सुश्राविका थीं। श्रीशान्ति लालजी जीवन के उषाकाल से ही कर्तव्यपरायण व्यक्ति रहे हैं। कोई भी कार्य हो, सामाजिक-धार्मिक पूर्ण मन से करते रहे हैं जिससे सफलता देवी सदा आपका वरण करती रही। आपका पाणिग्रहण बगडुन्दा निवासी गेहरीलालजी सा० लोढ़ा की सुपुत्री धर्मानुरागिनी भँवरदेवी के साथ सम्पन्न हुआ। आपके तीन सुपुत्र कुन्दनलाल, महेन्द्रकुमार और तरुणकुमार तथा चार सुपुत्रियाँ सश्री रतनकुमारी, लीलाकुमारी, लक्ष्मीकुमारी, जसमाकुमारी हैं। म आपके लघु भ्राता लक्ष्मीलालजी हैं। उनकी धर्मपत्नी का नाम भाग्य से लक्ष्मीदेवी है। आपके एक पुत्र और चार सुपुत्रियाँ हैं । पुत्र का नाम गौरवकुमार है। सुपुत्री पुष्पाकुमारी, सुमित्राकुमारी, अनौखा कुमारी, नीताकुमारी हैं। आपके दो बहिनें देवीबाई, कमलादेवी हैं। दोनों का पाणिग्रहण हो चुका है । आपके फर्म का नाम इस प्रकार है-अमर तारा कार्पोरेशन, अमर शान्ति सिल्क मिल्स ३० ए, एम. जी. मार्केट, राजकुमार पेट्रोल पम्प के पास, थर्ड फ्लोर, रिंग रोड, सूरत । आपका पूरा परिवार पूज्य उपाध्याय श्रीजी, उपाचार्य श्रीजी और साध्वीरत्न पुष्पवतीजी म० के प्रति निष्ठावान है । आपने भक्ति भाव से विभोर होकर प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन में उदारता के साथ अनुदान प्रदान किया है। Jain Education International ह ) For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org,
SR No.012024
Book TitleSadhviratna Pushpvati Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDineshmuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1997
Total Pages716
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size25 MB
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