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________________ साध्वारत्न पु Helfer forfettone आमनन्दन ग्रन्स आगम-रहस्स - णाया वीरा वीराणुगामिणी सीसा | भागाइ-भाव- जुत्ता अप्पा अप्पम्मरआ जुत्ता ॥ ११ ॥ विक्कम - संवद - उणवीसपणसत्त पोस - किण्हदसमीए । रायट्ठाण संभ च अपुव्व-गुण कण्णा जाया ।।१२।। जुग -- पवट्टय कंतियारी - आइरिय - सिरी - अमरसिंहमुणी । गंगा-सम णिम्मलो हि सजग-सतेय-संतरयण-गणी ॥१३॥ जोईहर-संजमरअ-पहर- मइ-तक्कपुण महासती । सत्थ-आगम-सिद्धहत्थ-पसत्त-गुरु-गुणगणधणी ॥ १४ ॥ जोग अरही दिक्ख-पविण्णा सई- वीरा-सद्दा सुय-संपण्णा । वीरा कम्मे वीरा सदा संजम तवे पसिद्धा || १५ || फत्तू-रयणा-चइणा लाहा य चउपमुह- सीसा तीए । आगम-कुसलाधीरा परमविउसी पवयणमहुरा ।। १६ ।। लछमासमणी । रयणाए बहुसीसा सासण पहाविगा एग रहा महासई तीए नवला विद्धमई ||१७|| उदयपुरम्म णयरम्मि ओसवाल वंस - बरडिया परिवारस्स । कण्हइयालालस्स च महाजणस्स उयारकुलो ।। १८ ।। सो समणोवासगो वि धम्म-परायण धम्माणुरागी हि । पुणेण पत्त-सावग-कुल-समुद्द इ-रयणव्व दुलहं ॥ १६ ॥ जहा समुद्द े रयणं बहुमुल्लं होइ अस्सिं लोयम्मि । तहा मणुजाण जम्मं धम्मणिट्ठ जण पत्त- दुल्लहं ॥२०॥ जीवणसीह वरडिया पवित्त-पउत्त- जुत्त-पुत्त - जाओ । पेम्मकुंवर-जाया ।।२१।। धम्म-परायणा भज्जा तस्स संवद उणवीस इगअस्सी एग - सुंदरीबाला सत्तमी सुंदरकुंवरकण्णा जाया ||२२|| अवर - सुसीलकुंवरा धम्म - गुण - सुसील - संपण्णा होइ । सा वि अइ-धम्म-रत्ता विमला - गंगा विव गहीरा वि ।। २३ ।। तत्तोवदेस-जुत्तं सम्म-भत्ति-रसजुत्तं महासई - सोहणकंवर - बाला वि । दिखा धरिअ - वाला ||२४|| ताए सक्कय- पाइय- णिउणा आगम-रहस्सबो हुँ मगसिर तिहीए । होऊण णिच्च कव्व - वागरण - अहिरआ । जण्णसीला भूया ||२५|| एग - चक्केण ण रहं पजाइ इह भूयलम्मि ठाणम्मि । एसा जाणिऊण सा गइ - सील- समणी-संघाए ||२६|| समण - सासण- पहाविगा अमर साहिगा पुप्फबई । २५७
SR No.012024
Book TitleSadhviratna Pushpvati Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDineshmuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1997
Total Pages716
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size25 MB
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