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________________ धनपतसिंह पन्नालाल बरडिया (मदनगंज) १०४ १०५ १०५ १०७ १०८ १०८ १०६ १०६ मधुर व्यवहार मैं महासतीजी के गुणों पर मुग्ध हूँ तेजोमय व्यक्तित्व की धनी आराध्य के चरणों में एक महान तत्त्व दर्शी महासती योग्यता का अभिनन्दन मेरी सद्गुरुणी महासती की सफलता निर्मल मन की धनी यह महान् जीवन यथानाम तथागुण रुणीजी, मेरा शत-शत प्रणाम शत-शत अभिनन्दन प्रकाश पुज संकल्प के धनी प्रेरणा स्रोत विलक्षण व्यक्तित्व की धनी । श्रद्धा-सुमन रतनलाल मारू वियोगी श्री राधे-राधे कन्हैयालाल सुराणा (नाथद्वारा) सुभाष ओसवाल अम्बालाल सिंघवी (यशवन्तगढ़) अशोक जैन, (उदयपुर) सोहनलाल जैन (सा० रत्न० नाथद्वारा) डालचन्द परमार (उदयपुर) रोशनलाल झगड़ावत (उदयपुर) भंवरीलाल फुलफगर (घोड़नदी) राजेन्द्रकुमारमेहता (सूरत) श्रीमती अ० सौ० आननकीबाई जवाहरलाल विनायकिया केसरीमल मोहनलाल साकरिया खुमानसिंह कागरेचा हरकचन्द पालरेचा भेरूसिंह सिशोदिया (रिछावड़) ११० १११ ११२ ११३ ११३ ११४ ११६ १२६ १३० ख्याता सर्वत्र लोकेऽस्मिन् हृदयोद्गाराः वन्दना के स्वर वन्दना के फूल महिमा मंडित मणि पुष्पाष्टक पुष्प-पराग गुरुणी-महिमा अभिनन्दन श्रद्धार्चना द्वादशी दुर्लभ है वह पथ गंगा की जब धार बनी महिमा छाई चारों और पं० अमृतलाल जैन (अहमदनगर) ११७ पं० रमाशंकरजी शास्त्री (अजमेर) १२० कवि सम्राट निर्भय हाथरसी (हाथरस) फूलचन्द बोरुन्दिया ‘जसनगर' । श्रीचन्द सुराना 'सरस' १३० कंवरचन्द्र जैन बोथरा (मंडी गीदड़बाहा) सौ० विजयकुमारी बोथरा , १३१ वैरागिन नीतू जैन १३१ जयसिंह छाजेड़ 'रत्नेश' श्रीमती माया जैन (उदयपुर) १३३ श्रीमती माया जैन (उदयपुर) १३४ वैरागी संजय जैन (वर्तमान श्री सुरेन्द्र मुनि) १३५ क्या ? कहां? १३२ २४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012024
Book TitleSadhviratna Pushpvati Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDineshmuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1997
Total Pages716
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size25 MB
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