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________________ बहुमुखी प्रतिभा-श्रीपुष्पवतीजी ___ अभिनन्दन के बोल विविधताओं का संगम प्रज्ञा की ज्योतिर्मय मूर्ति विराट् मनोवृत्ति की धनी सफलता का रहस्य शुभाशिषः श्रद्धा-स्निग्ध हृदय से अभिनन्दन चरणों में वन्दन परम ज्ञान साधिका कमल की तरह निलिप्त युग-युग जीवो मेरे गुरुणीजी शत-शत वन्दनः अभिनन्दन महासती पुष्पवतीजी एक प्रकाश स्तम्भ प्रबुद्ध समन्वय साधिका अन्त हृदय का अभिनन्दन उदयमुनि 'जैन सिद्धान्ताचार्य' श्री अजितमुनि 'निर्मल' महासती प्रमोद सुधाजी महासती रतनज्योतिजी महासती चन्द्रावतीजी महासती श्रीमतीजी महाराज मदनमुनि 'पथिक' श्री गिरीश मुनिजी साध्वी दिव्यज्योति 'अर्पण' साध्वी ज्ञानप्रभा 'सरल' मुनि श्री विनयकुमार 'भीम' नरेश मुनि महासती हर्षप्रभाजी महासती प्रीतिसुधाजी साध्वी मंजूश्री महासती श्री सत्यप्रभाजी महासती संघमित्राजी महासती सुजाताजी महासती सुप्रभाजी श्री चन्दनमुनि (पंजाबी) प्रर्वतक श्री रूपचन्द जी म. 'रजत' गणेश मुनि शास्त्री मगन मुनि 'रसिक' जिनेन्द्र मुनि 'काव्यतीर्थ' श्री सुरेश मुनि शास्त्री उपप्रर्वतक श्री सुकन मुनिजी महेन्द्र मुनि 'कमल' दिनेश मुनि उदय मुनि 'जैन सिद्धान्ताचार्य' सुव्रत मुनि एम. ए. 'सत्यार्थी' महासती श्री शीलकुंवरजीम० महासती कौशल्याजी म० साध्वी सुदर्शनप्रभा महासती श्री सिद्धकुंवरजी महासती विमलवतीजी महासती ज्ञानप्रभा आलोक-स्तम्भ श्री पुष्प-पच्चीसी स्वच्छमति है महासती भावों के सुमन बधाई गीत सम्मान सुमन शासन ज्योति मंगल एकादशी शत-शत सुमन पुष्प के चरणों में भाव पुष्प दो मुक्तक सहस्रजीवी आप हों शत-शत वर्ष जीओ सतीजी सती शिरोमणि का अभिनन्दन हर्ष से मनाइये वन्दन अभिनन्दन श्रद्धा सुमन गीत श्रद्धा सुमन २२ - क्या? कहाँ? Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012024
Book TitleSadhviratna Pushpvati Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDineshmuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1997
Total Pages716
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size25 MB
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