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________________ काटयारपुष्यता आमनन्दी न्य Hi toshsinhalategodeesesedlespobseiedeokolesteote-editedesiseseddedesticlesjetaladcaster-ltdear-of-.1-1------ ---------- --- - - साध्वीरत्न श्री पुष्पवतीजी महाराज का शिष्या परिवार SOCHEREFERENCECOGODDERED ACCISEDICAPPESCE NCODECHEME:22PERSPEPARAN l filiffifffffilifffiliuniLEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEmitt महासती श्री चन्द्रावतीजी म. या आपका जन्म विक्रम सम्वत् १९६३ में उदयपुर-राजस्थान में हुआ। आपके पिताथी का नाम पन्नालालजी मेहता और माता का नाम लहरीबाई था। आपने परम विदुषी महासती श्री पुष्पवती जी के सदुपदेश से सम्वत् २००४ माघ सुदी तीज को (सन् १९४७) कपासन में दीक्षा ग्रहण की। आपने संस्कृत. प्राकृत तथा हिन्दी भाषा का अच्छा अभ्यास किया। जैन सिद्धान्ताचार्या परीक्षा भी उत्तार्ण की। 'मगध का राजकुमार मेघ', आपका खण्डकाव्य है और "दिव्य पुरुष' भगवान महावीर से सम्बन्धित उपन्यास है । आपके कई लेख प्रकाशित हुए हैं । आपका प्रवचन तात्त्विक और मधुर होता है । महासती श्री प्रियदर्शनाजी म. ___ आपका जन्म उदयपुर में विक्रम सम्वत् २००२ वैशाख सुदी दुज दि० १३-५-१९४५ रविवार के हुआ। आपके पिता का नाम कन्हैयालाल जी लोढ़ा और माता का नाम राजवाई है । आपका गृहस्थाश्रम का नाम अनोखा बहिन था। महासत्ती श्री पुष्पवतीजी म. के उपदेश से प्रभावित होकर आपने सम्बत २०१८ फाल्गुण कृष्णा तेरस दि०४-४-१९६२ को उदयपुर में दीक्षा ग्रहण की। हिन्दी संस्कृत भाषा का अच्छा अभ्यास है। आपका प्रवचन सरल व मधुर है। आप अध्ययनशीला के साथ-साथ सेवाभाविनी है। महासती श्री किरणप्रभाजी म. आपका जन्म वि० सं० २०१५ मदनगंज (राज.) में हआ। आपकी माताजी का नाम सीताबा है और पिता का नाम ख्यालीरामजी बरडिया था। स० २०३३ माघ सुदी तेरस को महासती $ पुष्पवतीजी म० के सदुपदेश से उदयपुर में आपने दीक्षा ग्रहण की। आपको संस्कृत, प्राकृत, हिन्दी आदि भाषाओं का ज्ञान है । आप सेवाभावी हैं । महासती श्री रत्नज्योतिजी म. आपका जन्म सन् १९६२ कार्तिक शुक्ला १४ दि० १०-११-७२ को गजेन्द्रगढ़ कर्नाटक में हुआ। आपकी माताजी का नाम आनन्दीबाई और पिताश्री का नाम गुलाबचन्द जी है। सन १९८० वैसा शुक्ला पूर्णिमा दि० ३०-४-८० को महासती श्री पुष्पवती जी म० के उपदेश से उदयपुर में आपने दीक्षा ग्रहण की । आपको संस्कृत, प्राकृत, हिन्दी, इंगलिश, कन्नड़ आदि भाषाओं का ज्ञान है। E ALE Philizतीय खण्ड : व्यक्तित्व दर्शन Audumpeg .antan ....... www.jaine
SR No.012024
Book TitleSadhviratna Pushpvati Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDineshmuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1997
Total Pages716
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size25 MB
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