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________________ श्री आत्मानंद जैन सभा, अहमदाबाद गुजरात की ऐतिहासिक नगरी अहमदाबाद जैन नगरी है । यह जैन धर्म और सम्प्रदाय का प्रमुख केन्द्र है। यह वह नगरी है जिस नगरी में पंजाब देशोद्धारक विश्व वंद्य विभूति, महान ज्योतिर्धर, न्यायाम्भोनिधि आचार्य श्रीमद् विजयानंद सूरीश्वरजी महाराज ने ई. सन् १८७५ में संवेगी दीक्षा अंगीकार की थी और उस वर्ष का चातुर्मास भी उन्होंने अहमदाबाद में ही किया था। इसी अहमदाबाद की नगरी में आचार्य श्रीमद् विजायनंद सूरीश्वरजी महाराज की स्वर्गारोहण शताब्दी के उपलक्ष्य में उनकी स्मृति को चिरस्थायी रखने के लिए उनकी स्वर्गारोहण शताब्दी के प्रेरक जैन दिवाकर आचार्य श्रीमद् विजय इन्द्रदिन्न सूरीश्वरजी महाराज की प्रेरणा से श्री आत्मानंद जैन सभा की स्थापना दि.१७-६-१९९४ को कृष्णनगर में हुई। __ इस सभा के प्रमुख उद्देश्य हैं- श्री आत्म वल्लभ-समुद्र-इन्द्र गुरूदेवों के विचारों के अनुरूप कार्य करना। सातों क्षेत्रों का सिंचन करना। जैन साहित्य का प्रचार और प्रसार करना। साधर्मिक बन्धुओं का उत्कर्ष करना। जैन मध्यम वर्गीय लोगों को मेडिकल सहायता देना। उन्हें आर्थिक सहयोग देना। मध्यम वर्गीय जैन युवकों को धंधे पर लगाना। जैन धर्म के उत्तम-महान सिद्धान्तों का प्रचार करना। इस सभा के मार्गदर्शक कार्यदक्ष आचार्य श्रीमद् विजय जगच्चन्द्र सूरीश्वरजी महाराज हैं। उपाध्यक्ष हैं- श्री उत्तमचंद नागरदास मेहता (टोरेन्ट ग्रुप), उपाध्यक्ष हैं- श्री ललित भाई कांतिलाल कोलसावाला (निटेक्स ग्रुप), मंत्री हैं- श्री महेन्द्र भाई शाह (अध्यक्ष- कृष्णनगर जैन संघ)। इसका प्रमुख कार्यालय कृष्णनगर में है और कार्यक्षेत्र अहमदाबाद और अहमदाबाद जिला है। श्रीमद् विजयानंद सूरि (आत्मारामजी) के नाम से चलने वाली शिक्षण संस्थाएं एवं सभाएं ४२१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012023
Book TitleVijyanandsuri Swargarohan Shatabdi Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNavinchandra Vijaymuni, Ramanlal C Shah, Shripal Jain
PublisherVijayanand Suri Sahitya Prakashan Foundation Pavagadh
Publication Year
Total Pages930
LanguageHindi, English, Gujarati
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size22 MB
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