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________________ श्री आत्मानंद जैन हायर सीनियर सैकंडरी स्कूल, लुधियाना लुधियाना पंजाब का सबसे बड़ा जैन संघ है। इसे पंजाब का शिरोमणि श्रीसंघ होने का गौरव प्राप्त है। यहां पूज्य श्री विजयानंद सूरीश्वरजी महाराज (आत्मारामजी) के नाम से दो शिक्षण संस्थाएं कार्यरत हैं—(१) श्री आत्मानंद जैन सीनियर सैकंडरी स्कूल और (२) श्रीआत्मानंद जैन मॉडल हाईस्कूल। उनमें श्री आत्मानंद जैन सीनियर सैकंडरी स्कूल की स्थापना ई. सन् १९३३ में हुई थी। पहले यह लघु रूप में लुधियाना के पुराना बाजार स्थित उपाश्रय में चलती थी। तब इसमें धार्मिक और व्यावहारिक दोनों शिक्षाएं दी जाती थी। भारत स्वतंत्र होने के कुछ वर्षों के बाद इस स्कूल के लिए दरेसी मैदान में विशाल जगह ली गई। जिसमें विद्यालय भवन का निर्माण किया गया। विद्यालय के मध्य में पंजाब केसरी, युगवीर आचार्य श्रीमद् विजय वल्लभ सूरीश्वरजी महाराज की एक भव्य एवं आकर्षक खड़ी प्रतिमा स्थापित की गई। यह गुरू प्रतिमा विद्यालय का मुख्य आकर्षण है। पंजाब सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होने के बाद इस विद्यालय ने शीघ्र ही सरकारी मान्यता प्राप्त विद्यालयों में अपना सर्वोपरी स्थान प्राप्त कर लिया। विद्यालय के निरंतर बढ़ रहे आकर्षण, लोकप्रियता एवं अधिक से अधिक छात्र संख्या के बावजूद विद्यालय को ई. सन् १९६७ में जो मान्यता प्राप्त हुई थी और जिन सीमाओं को स्वीकृत किया गया था उन्हीं नियमों की सीमा में सीमित रहना पड़ रहा है। विद्यालय की ओर से एक वार्षिक पत्रिका 'वल्लभ प्रभा' पिछले कई वर्षों से प्रकाशित हो रही है। आचार्य श्रीमद् विजय वल्लभ सूरीश्वरजी महाराज के जन्म दिन के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष विद्यालय के विशाल प्रांगण में 'वल्लभ दरबार' का भव्य आयोजन होता है। गुरू वल्लभ की स्वर्गारोहण तिथि यहां प्रतिवर्ष गुणानुवाद सभा के रूप में विद्यार्थी एवं शिक्षकगण मनाते हैं। श्री आत्मानंद जैन मॉडल हाईस्कूल, लुधियाना लुधियाना में श्री आत्मानंद जैन मॉडल हाईस्कूल' की स्थापना ई. सन् १९६९ में हुई थी। तब से यह विद्यालय निरंतर प्रगति पथ पर बढ़ता रहा है। इस समय यह विद्यालय लुधियाना शहर का मुख्य आकर्षण है। उच्च बुनियादी शिक्षा एवं संस्कार के लिए अभिभावक अपने श्रीमद् विजयानंद सूरि (आत्मारामजी) के नाम से चलने वाली शिक्षण संस्थाएं एवं सभाएं ४०९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012023
Book TitleVijyanandsuri Swargarohan Shatabdi Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNavinchandra Vijaymuni, Ramanlal C Shah, Shripal Jain
PublisherVijayanand Suri Sahitya Prakashan Foundation Pavagadh
Publication Year
Total Pages930
LanguageHindi, English, Gujarati
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size22 MB
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