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________________ (११) आर्केस्ट्रा क्लब (१२) संगीत परिषद् (१३) राष्ट्रीय सेवा एकम आदि प्रवृत्तियां संचालित होती हैं। इस समय हरियाणा में इस कॉलेज का सर्वोपरी स्थान है। विजय वल्लभ समुदाय के गुरूभक्तों के पास केवल यही एक कॉलेज है। जो जिन शासन की सेवा और गुरूदेवों की भावना को साकार कर रहा है। श्री आत्मानंद जैन वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, अम्बाला पंजाब केसरी, युगवीर आचार्य श्रीमद् विजय वल्लभ सूरीश्वरजी महाराज की प्रेरणा से सबसे अधिक शिक्षण संस्थाएं हरियाणा के अम्बाला शहर में स्थापित हुई थीं। यहां पर जितनी जैन शिक्षण संस्थाएं हैं उतनी किसी भी शहर में नहीं हैं। अम्बाला की पुरानी शिक्षण संस्थाएं जिन्होंने धीरे-धीरे प्रगति करते हुए सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया उनमें 'श्रीआत्मानंद जैन वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय' का प्रथम स्थान है। इस विद्यालय की ई. सन् १९०१ में श्री आत्मानंद जैन प्राइमरी स्कूल' के रूप में स्थापना हुई। १९२० में इसे मिडल स्कूल का रूप दिया गया। १९२६ में इस विद्यालय ने हाई स्कूल का रूप धारण किया। इस समय यह श्री आत्मानंद जैन वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के नाम से शिक्षा जगत में कार्यरत है। इसकी विद्यार्थी संख्या देखकर इसकी लोकप्रियता का अनुमान हो सकता है। विद्यार्थी संख्या: वर्ष १९५५ १९६५ १९७५ १९८५ १९९० १९९३ कुल १३२६ छात्र १७१४ छात्र २१९६ छात्र २६५७ छात्र २६५२ छात्र ३०५० छात्र श्रीमद् विजयानंद सूरि (आत्मारामजी) के नाम से चलने वाली शिक्षण संस्थाएं एवं सभाएं ४०५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012023
Book TitleVijyanandsuri Swargarohan Shatabdi Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNavinchandra Vijaymuni, Ramanlal C Shah, Shripal Jain
PublisherVijayanand Suri Sahitya Prakashan Foundation Pavagadh
Publication Year
Total Pages930
LanguageHindi, English, Gujarati
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size22 MB
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