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________________ श्री जैन दिवाकर- स्मृति-ग्रन्थ श्रीमान रतनकुमार जी जैन, बम्बई श्री रतनकुमार जी जैन मूलत: आगरा निवासी हैं। आगरा लोहामण्डी जैन समाज के प्रतिष्ठित सद्गृहस्थ स्व० श्री मक्खनलालजी जैन आपके पिता व स्व० श्रीमती दुर्गादेवी आपकी माताजी थीं । आपका जन्म २४ फरवरी १९३४ को हुआ । उदार सहयोगियों की सूची : ५८० : आगरा में प्रारम्भिक शिक्षा के पश्चात् बम्बई के मारवाड़ी विद्यालय में आपने हिन्दी - गुजराती - मराठी - इंगलिश उर्दू व बांगला आदि भाषाओं का ज्ञान व शिक्षण प्राप्त किया । सन् १९३३।३४ में आप आगरा में स्व० श्री जैन दिवाकरजी महाराज के सम्पर्क में आये, तब से उनके प्रति आपकी अगाध श्रद्धा है । शतावधानी श्री रत्नचन्द्र जी महाराज, पूज्य श्री पृथ्वीचन्दजी महाराज, कविश्री अमरचन्दजी महाराज, श्री रत्नचन्द्रजी महाराज, कविश्री केवल मुनिजी आदि अनेक विद्वान् सन्तों के सम्पर्क से आपके विचार सदा धर्मानुकूल रहे और रहे पक्षपात मुक्त गुणग्राही । Jain Education International व्यवसाय के क्षेत्र में आपकी प्रतिभा अच्छी चमकी है। आगरा, कलकत्ता, बम्बई आपके व्यवसाय केन्द्र रहे हैं । लोह-स्टील व्यवसाय में आपकी अच्छी प्रतिष्ठा है । बम्बई में नित्यानन्द स्टील रोलिंग मिल्स, नेरल (जि० कोलाबा ) में आपकी स्टील फैक्ट्री है । आप (१) बोम्बे आइरन मर्चेण्ट एसोसियेशन व (२) आइरन एण्ड हार्डवेयर मर्चेण्ट्स ऐसोशिएशन बम्बई के डाइरेक्टर रह चुके हैं । सन् १६७७ में दारुखाना आइरन मर्चेण्टस् ऐसो - सियेशन लि. के मैनेजिंग डाइरेक्टर भी रहे । अनेक समाज सेवी तथा धार्मिक संस्थाओं में आप उदारतापूर्वक सहयोग करते रहते हैं । वीरायतन ( राजगृह) के आप उपाध्यक्ष हैं । महावीर मेडिकल रिसर्च सेंटर के ट्रस्टी तथा अनेक संस्थाओं के संरक्षक सदस्य हैं। शिक्षा एवं चिकित्सा के क्षेत्र में आप उदारतापूर्वक सदा मुक्त हृदय से दान करते रहते हैं । फिर भी आप नाम एवं यश की भावना से सदा दूर रहते हैं । आपका हँसमुख चेहरा, निश्छल स्नेह और उदारवृत्ति प्रत्येक मिलने वाले के हृदय में अंकित हो जाती है । कविरत्न श्री केवल मुनिजी महाराज की प्रेरणा से आपने जैन दिवाकर स्मृतिग्रन्थ में सहयोग की प्रमुख भूमिका निवाही है । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012021
Book TitleJain Divakar Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKevalmuni
PublisherJain Divakar Divya Jyoti Karyalay Byavar
Publication Year1979
Total Pages680
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size17 MB
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