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________________ Jain Education International श्री जैन दिवाकर- स्मृति-ग्रन्थ तप त्याग की महान् ज्योति - श्रद्धा का अर्घ्य : भक्ति-भरा प्रणाम : २४४ : जैन दिवाकर श्री चौथमलजी महाराज * श्री मदनलाल जैन [ रावल पिण्डी वाले, जालन्धर ( पंजाब ) ] महान् साधक तपोमूर्ति दिव्य ज्योति पुंज जैन दिवाकर श्री चौथमलजी महाराज की शताब्दि मनाने का अभिप्राय यही है कि हम सब उनके महान् गुणों का अनुसरण करने की प्रेरणा लें । दिवाकरजी महाराज का जीवन विशेषताओं से युक्त था साधु समाज में संगठन एवं एकता की तीव्र तड़प उनके जीवन की महान् विशेषता रही है। दिवाकर प्रवर श्री चौथमलजी महाराज एक महान् त्यागी सन्त तथा सरल संयमी, मृदु सौम्य, सुख-दुःख से निरपेक्ष, परम सेवाभावी युग प्रवर्तक थे । आपश्री के आलोकमय महान् जीवन का लक्ष्य सत्य-प्राप्ति और मध्यात्मिक विकास था । वे जीवन भर आचरण में पवित्रता, सात्विकता एवं उदार भाव विकसित करने के लिए कषाय-भावों तथा दुर्गुणों से संघर्ष करते रहे । आपश्री ने लोक-कल्याण एवं समाज उत्थान और मानवता के विकास के लिए स्वयं को समर्पित कर दिया था । परम श्रद्धेय स्वर्गीय श्री दिवाकरजी महाराज के संयमी जीवन के सद्गुणों का कहाँ तक वर्णन करू ? मेरी तुच्छ लेखनी में इतना बल ही कहाँ है, जो उस महान् आत्मा के दिव्य गुणों का चित्रण कर सके, फिर भी श्रद्धावश ज्योति पुञ्ज रत्न के प्रति कुछ अपने भाव लिख पाया हूँ, जो श्रद्धांजलि के रूप में उन्हें ही समर्पित हैं । 44 हीरे की कनी थी - सुनि श्री लालचन्द्रजी (जय श्रमण ) हीरे की कनी थी, 'मन' मोहन मनी थी जग, चमत्कृति घनी थी मानो आभ बीज थी । ख्याती की खनी थी “खूब" खूबी भी ठनी थी अति जनता की मानी हुई सदा शुक्ल बीज थी । 'हुक्म दल' चौगुणों पुजाय 'वर्धमान' मिल्यो, सुनते हैं काहू से न रीझ और खीज थी । दो हजार सात मार्गशीर्ष सुद नौम आय, कह दिया "दिवाकर चौथ" भुवि चीज थी ॥ रिक्ता नवमी ने किया, पूर्णा बनन उपाय । अवगुण रिक्ता "चौथ ग्रसि, रहि है अब पछताय । सुद नवमी को था नहीं, शशि प्रकाश सन्तोष । "चतुर दिवाकर" ले चली, पृथ्वी कर तम तोष ॥ -0--0 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012021
Book TitleJain Divakar Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKevalmuni
PublisherJain Divakar Divya Jyoti Karyalay Byavar
Publication Year1979
Total Pages680
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size17 MB
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