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________________ : १५५ : ऐतिहासिक दस्तावेज | श्री जैन दिवाकर-स्मृति-ग्रन्थ | ॥श्री रामजी॥ ॥ श्री एकलिंगजी ॥ नकल X ++ ++++++++++++ HHX मोहर छाप जैन सम्प्रदाय के प्रसिद्ध वक्ता पण्डित मुनि श्री चौथमलजी : हमीरगढ़ : महाराज का हमीरगढ़ में व्याख्यान हुआ वह श्रवण कर चित्त बड़ा ...: आनन्दित हुआ। हिंसा धर्म का जो महाराज ने सत्य उपदेश दिया वह बहुत प्रभावशाली रहा इसलिए नीचे लिखी प्रतिज्ञा की जाती है (१) श्रीमान् मुनि श्री चौथमलजी महाराज के पधारने के रोज से वापिस विहार करने के रोज तक हमीरगढ़ में अगता रहेगा। (२) चैत्र शुक्ला १३ भगवान् महावीर स्वामी का जन्म दिन है, सो उस रोज हमेशा के लिए अगता रहेगा। (३) पौष कृष्णा १० भगवान् पार्श्वनाथजी का जन्म दिन है सो हमेशा के लिए आम अगता पलाया जावेगा। (४) दशरावे के दिन चोगान्यो पाड़ो नहीं मार्यो जावेगा। (५) जंगल में छोटो शिकार पंखेरू हिरण वगैरा की शिकार नहीं किया जावेगा। (६) पजूसणा में अगतो पलायो जावेगा। (७) ई साल की फसल उनाले की लागत का बकरा करीब ३५-४० आवेगा वो सब अमरे करा दिये जावेगा लिहाजा। हु० नम्बर ७४८ असल रूबकार हाजा कचहरी में भेजकर लिखी जावे के मुन्दरजे सदर कलमों की पाबन्दी पूरे तौर रखने का इन्तजाम करें। और नकल इसकी सूचनार्थ श्रीमान् प्रसिद्धवक्ता पण्डित मुनि श्री चौथमलजी महाराज के भेंट स्वरूप भेजी जावे । संवत् १९८४ का ज्येष्ठ विदि ५ शुक्रवार । ४ नकल हुक्म इजलासी महाराज तेजराजसिंहजी साहब सरकार गेंता ता० ८-१-३६ ई० श्री राघवजी महाराज (सही अंग्रेजी में) नं० ४८७ मोहर छाप तेजराजसिंह नकल है गंता X ++ ++ ++ ++ + अज इजलास श्री सरकार साहब, गेंता ता०८-१-३६ श्री चौथमलजी महाराज के फरमाने के मआफिक कि श्री महावीर स्वामीजी के जन्म दिन चैत्र सुदी १३ व श्री पार्श्वनाथजी भगवान जी के जन्म दिन पौष बदी १० को अगता पाला जावे लिहाजा ये बात महाराज की मन्जूर की जाती है। हुक्म हुआ कि तामील को कामदारी में जावे । और एक नकल महाराज को भेजी जावे । फक्त -रामगोपाल सरिश्तेदार Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012021
Book TitleJain Divakar Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKevalmuni
PublisherJain Divakar Divya Jyoti Karyalay Byavar
Publication Year1979
Total Pages680
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size17 MB
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