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________________ न्याय १ तत्त्वचिन्तामणि टिप्पणक सुमतिसागर P/. पुण्यप्रधान १७वों उल्लेख-देवचन्द्रकृत विचारसार टीका २ तर्कभाषा 'प्रकाश' व्याख्या तर्कतरङ्गिणी (गोवर्द्धनीय) गुणरत्न P/. विनयसमुद्र १७वीं अ०बड़ौदाइन्स्टीट्यूट. वि०म्यु० ३ तर्कसंग्रह फक्किका समाकल्याणोपाध्याय P/. अमृतधर्म १८५४ मु० ४ ., पदार्थबोधिनी टीका कर्मचंद P. दीपचंद्र १८२२ नागपुर उ० जैन सं० सा०३० ५ न्यायसार चूर्णि भक्तिलाभ P/. रत्नचन्द्र १६वीं अ० जैन भवन कलकत्ता ६ न्यायरलावली दयारत्न P/. जिनहर्षसूरि आद्यपक्षीय १६२६ अ० भ० पूना तेरापंथी सरदारशहर ७ न्यायसिद्धान्तदीप शश० टिप्प० (मंगलवाद) गुणरत्न P). विनयसमुद्र १७वीं अ० स्टेट लाइब्रेरी बीकानेर ८ न्यायालङ्कार टिप्पणक उ. अभयतिलक P/. जिने द्वितीय १४वीं अ० जेसलमेर भण्डार पञ्जिकाप्रबोध जिनप्रबोधसूरि P/. जिने० द्वितीय १४वीं उल्लेख ख० यु० गुर्वावली पृ० ५७ १० बौद्धाधिकार विवरण ११ मङ्गलवाद समयसुन्दरोपाध्याय १६५३ इलादुर्ग अ० जेसलमेर भण्डार १२ सप्तपदार्थी टीका जिनवर्द्धनसूरि P/. जिनराज १४७४ मु० अभय बी० हरिलाहावट वि० कोटा भावप्रमोद P/. भावविनय १७३० बेनातट अ० व्याकरण १७वीं १ अनिटका रिका समयसुन्दरोपाध्याय अ० अभय बीकानेर २ अनिटकारिका अवचूरि क्षमामाणिक्य १९वीं० जालंधर अ० चारित्रराप्राविप्र बीकानेर ३ उक्तिरत्नाकर साधुसुन्दर P/. साधुकीत्ति म. चारित्र राप्राविप्र बी. विनय ७६८ ४ उक्तिसमुच्चय जयसागरोपाध्याय १५वीं० अ० अभय बोकानेर ५ उपसर्गमण्डन मन्त्रि-मण्डन S/. बाहड १५वीं० मंडपदुर्ग मु० ६ ऋजुप्राज्ञव्याकरण सहजकीति P/. हेमनन्दन १७वीं अ० जेसलमेर भं० क्षमा बीकानेर ७ एकादिशतपर्यन्तशब्दसाधनिका , १७वीं० अ० यतिरामलाल भीनासर यति विष्णुदयाल फतहपुर ८ कातन्त्रदुर्गपदप्रबोधटीका जिनप्रबोधसूरि P/. जिनेश्वरसूरि द्वितीय १३२८ अ० ६ कातन्त्रविभ्रमवृत्ति जिनप्रभसूरि P/. जिनसिंहसूरि १३५५ दिल्ली अ० विनय कोटा ८०२ १. कातन्त्रविभ्रमावचूरि चारित्रसिंह P/. मतिभद्र १६३५ धवलकपुर अ० विनय कोटा राप्राविप्र जोध बाल ४०८ ११ गुणकित्वषोडशिका मतिकीति P. गुणविनय १७वीं० अ० ख० जयपुर, प्रेसकॉपी विनयकोटा १२ चतुर्दशस्वरवादस्थल श्रीवल्लभोपाध्याय P/. ज्ञानविमल १७वीं० २० अभय बीकानेर १३ धातुरत्नाकर 'क्रियाकल्पलता' रवोपज्ञटीका साधुसुंदर P/. साधुकीर्ति १६८० अ० बड़ा भ० चा० बी० कान्ति छाणी १४ पञ्चग्रन्थीव्याकरण (शब्दलक्ष्मलक्षण) बुद्धिसागरसूरि १०८० जालोर अ० जेसलमेर भंडार Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012019
Book TitleManidhari Jinchandrasuri Ashtam Shatabdi Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherManidhari Jinchandrasuri Ashtam Shatabdi Samaroh Samiti New Delhi
Publication Year1971
Total Pages300
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size11 MB
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