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________________ Jain Education International २०८. १५८७ १५८७ २१०. १५९१ २११. १५९९ २१२. १५९९ For Private & Personal Use Only २१३. १६१० माघ वदि... उदयरत्नसूरि विमलनाथ की जैन मंदिर, ईडर वही, भाग १, गुरुवार प्रतिमा का लेख लेखांक १४७७ माघ वदि ८ उदयरत्नसूरि संभवनाथ की पार्श्वनाथ देरासर, वही, भाग १, गुरुवार प्रतिमा का लेख लाडोल लेखांक ४६८ वैशाख वदि६ संयमरत्नसूरि वासुपूज्यस्वामी की शांतिनाथ जिनालय, बुद्धिसागर, पर्वोक्त, शुक्रवार प्रतिमा का लेख ऊडीपोल, खंभात भाग-२, लेखांक ६७३ ।। ज्येष्ठ सुदि १० संयमरत्नसूरि आदिनाथ की चौबीसी जैन देरासर, सौदागर वही, भाग ६, विनयमेरुसूरि प्रतिमा का लेख पोल, अहमदाबाद लेखांक ८६० ज्येष्ठ सुदि ११ आदिनाथ की प्रतिमा विमलनाथ जिनालय, नाहटा, अगरचन्दरविवार का लेख (कोचरों में), बीकानेर पूर्वोक्त, लेखांक १५७७ चैत्रसुदि १५ उदयरत्नसूरि विमलवसही, आबू मुनि जयन्तविजय, बुधवार के पट्टधर आबू, भाग-२, सौभाग्यरत्न लेखांक १९४ सूरि के परिवार के हर्षरत्न उपाध्याय, पं० गुणमंदिर, माणिकरत्न, विद्यारत्न, सुमतिराज आदि वैशाख सुदि ६ । संयमरत्नसूरि संभवनाथ की धातु की शांतिनाथ देरासर, मुनिविशाल विजय, बुधवार पंचतीर्थी प्रतिमा राधनपुर पूर्वोक्त ३५१ ।। का लेख आगमिक गच्छ/प्राचीन त्रिस्तुतिक गच्छ का संक्षिप्त इतिहास २१४. १६१२ www.jainelibrary.org २८३
SR No.012017
Book TitleAspect of Jainology Part 3 Pandita Dalsukh Malvaniya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorM A Dhaky, Sagarmal Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1991
Total Pages572
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size12 MB
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