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________________ Jain Education International ११९. १५२४ '१२०. १५२४ १२१. १५२५ १२२. १५२५ कात्तिक वदि १३ अमररत्नसूरि सुमतिनाथ की जैन मंदिर, बुद्धिसागर, पूर्वोक्त, शनिवार पंचतीर्थी प्रतिमा गांभू भाग-१, लेखांक ७४ का लेख वैशाख सुदि २ अमररत्नसूरि संभवनाथ की चौबीसी चिन्तामणि पार्श्वनाथ विनयसागर, पूर्वोक्त, गुरुवार प्रतिमा का लेख जिनालय, किशनगढ़ लेखांक ६३९ पौष वदि ५ देवरत्नसरि पार्श्वनाथ की धातु जैन देरासर, लींबडी विजयधर्मसूरि सोमवार प्रतिमा का लेख पूर्वोक्त, लेखांक ३८८ माघ सुदि १३ देवरत्नसूरि सविधिनाथ की प्रतिमा पार्श्वनाथ जिनालय, बुद्धिसागर, पूर्वोक्त, बुधवार का लेख माणेकचौक, खंभात भाग-२, लेखांक ९३७ माघ सुदि १३ जयचन्द्रसूरि अभिनन्दनस्वामी की घर देरासर, गामदेवी, नाहर, पूर्वोक्त, बुधवार के पट्टधर चौबीसी का लेख वाचागांधी रोड, मुम्बई भाग-२, लेखांक देवरत्नसूरि १८०० - अमररत्नसूरि कुन्थुनाथ की धातु की आदिनाथ जिनालय, विजयधर्मसूरि, पूर्वोक्त, पंचतीर्थी प्रतिमा जामनगर लेखांक ४०३ का लेख १२३. १५२५ For Private & Personal Use Only आगमिक गच्छ/प्राचीन त्रिस्तुतिक गच्छ का संक्षिप्त इतिहास १२४. १५२५ १२५. १५२७ वैशाख वदि ६ शुक्रवार आनन्दप्रभसूरि धर्मनाथ की धातु प्रतिमा का लेख नवखंडा पार्श्वनाथ वहीं, लेखांक ४०९ देरासर, घोषा १२६. १५२७ वैशाख वदि१० देवरत्नसूरि पद्मप्रभ की प्रतिमा सुमतिनाथ मुख्यबावन बुद्धिसागर, पूर्वोक्त, का लेख जिनालय, मातर भाग-२ लेखांक ४६४ अमररलसरि पार्श्वनाथ की धातु सुविधिनाथ देरासर, विजयधर्मसूरि, पूर्वोक्त, की प्रतिमा का लेख घोघा लेखांक ४०५ १५२७ www.jainelibrary.org २७३
SR No.012017
Book TitleAspect of Jainology Part 3 Pandita Dalsukh Malvaniya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorM A Dhaky, Sagarmal Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1991
Total Pages572
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size12 MB
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