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________________ २०२ शिवप्रसाद दो प्रतिमा लेख, जिनमें प्रतिष्ठापक आचार्य का उल्लेख नहीं हैवि. सं. १२६६ कार्तिक वदि २ बुधवार' स्तम्भ पर उत्कीर्ण लेख प्रतिष्ठा स्थान-वीर जिनालय, सांडेराव वि. सं. १२६९ फागुण सुदि ४ गुरुवार स्तम्भ पर उत्कीर्ण लेख प्रतिष्ठा स्थान—जैन मन्दिर, सांडेराव शान्तिसूरि (प्रथम) के पट्टधर ईश्वरसूरि (द्वितीय) हुए। इनके द्वारा प्रतिष्ठित वि. सं. १३०७ एवं १३१७ के दो लेख मिले हैं जो इस प्रकार हैं वि. सं. १३०७ वैशाख सुदि ५ गुरुवार शान्तिनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख प्रतिष्ठा स्थान-चिन्तामणि पार्श्वनाथ जिनालय, खंभात वि. सं. १३१७ ज्येष्ठ वदि ११ बुधवार संभवनाथ की प्रतिमा को देवकुलिका सहित प्रतिष्ठित कराने का उल्लेख, प्रतिष्ठा स्थान-बावनजिनालय की देहरी, उदयपुर संडेरगच्छीय गुर्वावली का सामान्य रूप से यही क्रम प्राप्त होता है, परन्तु शान्तिसूरि और शालिसूरि द्वारा प्रतिष्ठित कुछ जिनप्रतिमायें जो वर्तमान में स्तम्भतीर्थ स्थित मल्लिनाथ जिनालय में सुरक्षित हैं, उनपर उत्कीर्ण लेखों से विचित्र तथ्य प्राप्त होते हैं। जैसा कि हम ऊपर देख चुके हैं, शालिसूरि का उल्लेख करने वाला सर्वप्रथम अभिलेख वि. सं. ११८१ और अन्तिम अभिलेख वि. सं. १२१५ का है। इसके बाद सुमतिसूरि द्वारा प्रतिष्ठित वि. सं. १२३७ से वि. सं. १२५२ तक के लेख विद्यमान हैं। इसके आगे शान्तिसुरि द्वारा प्रतिष्ठित प्रतिमाओं के लेख भी वि. सं १२४५ से वि. सं. १२९८ तक के हैं। यह स्वाभाविक क्रम है, परन्तु वि. सं. १२१५ में शान्तिसूरि' (प्रथम) शालिसूरि के साथ एवं वि. सं. १२५२ में शालिसूरि' सुमतिसूरि (प्रथम) के साथ प्रतिष्ठाकार्य सम्पन्न करा रहे है, यह विचारणीय है। ईश्वरसूरि (द्वितीय) के पट्टधर शालिभद्रसूरि (द्वितीय) हए। इनके द्वारा प्रतिष्ठापित ३ प्रतिमालेख आज उपलब्ध हैं । उनका विवरण इस प्रकार है १. मुनि विशालविजय, सांडेराव, पृ० १८-१९ २. वही, पृ० २१ ३. अमीन-पूर्वोक्त पृ० १२ और ३३ ४. नाहर, पूर्वोक्त भाग २ लेखाङ्क १९५१ ५. अमीन, जे० पी०, पूर्वोक्त लेखाङ्क ३ ६. वही, लेखाङ्क ५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012017
Book TitleAspect of Jainology Part 3 Pandita Dalsukh Malvaniya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorM A Dhaky, Sagarmal Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1991
Total Pages572
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size12 MB
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