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________________ अञ्चलगच्छीय आचार्यमेरुतुङ्ग एवं उनका जैनमेघदूतकाव्य सन्दर्भ-ग्रन्थ-सूची १. जैन धर्म -- पं० कैलाशचन्द्र शास्त्री ; प्रकाशक - भारतीय दिगम्बर जैन संघ, चौरासी, मथुरा (उ. प्र. ); पञ्चम संस्करण; सन् १९७५ । २. अञ्चलगच्छ दिग्दर्शन – श्रीपार्श्व प्रकाशक - श्री मुमुक्षु अञ्चलगच्छ जैन समाज, गोविन्द कुञ्ज, नेहरू रोड, मुलुण्ड, बम्बई- ८० प्रथम संस्करण; सन् १९६८ । ३. श्रीपट्टावलीप रागसङ्ग्रह - पं० कल्याणविजयगणि; प्रकाशक - श्री० क० वि० शास्त्रसङ्ग्रह समिति, मुनिलाल जी थानमल जी, श्रीजालोर (राज० ); प्रथम संस्करण; सन् १९६६ । ५. जैनमेघदूतम् - आचार्य मेरुतुङ्ग; सम्पादक - श्रीचतुरविजयमुनि प्रकाशक - भावनगर; प्रथम संस्करण; सन् १९२४ । १२५ ४. प्रबन्धचिन्तामणि – आचार्य मेरुतुङ्ग ( प्रथम ) ; प्रकाशक - सिन्धी जैन ज्ञानपीठ, शान्ति निकेतन ( बङ्गाल); प्रथम संस्करण; सन् १९३३ । शा० ६. महाकवि कालिदासकृत मेघदूत और जैनकवि मेरुतुङ्गकृत जैनमेघदूत का साहित्यिक अध्ययन - लेखक का पी-एच० डी० शोध-प्रबन्ध; उपलब्ध - पा० वि० शोध संस्थान, वाराणसी - ५ । जैन आत्मानन्द सभा, ७. संस्कृत के सन्देश - काव्य - डा० रामकुमार आचार्य प्रकाशक - डा० रामकुमार आचार्य, संस्कृत विभाग, ; राजकीय कालेज, अजमेर; प्रथम संस्करण; सन् १९६३ । Jain Education International ८. संस्कृत काव्य के विकास में जैनकवियों का योगदान - डा० नेमिचन्द्र शास्त्री ; प्रकाशक - भारतीय ज्ञानपीठ, ३६२०।२१ नेताजी सुभाष मार्ग, दिल्ली- ६; प्रथम संस्करण; सन् १९७१ ९. श्री आर्य कल्याण गौतम स्मृति ग्रन्थ - (सम्पादक) मुनि श्रीकलाप्रभसागर जी, बम्बई । For Private & Personal Use Only १०. The Indian Sect of the Jainas -- J. G. Buhler; Publisher — Luzac of Co, 46, Great Russell Street, London; 1903. www.jainelibrary.org
SR No.012016
Book TitleAspect of Jainology Part 2 Pandita Bechardas Doshi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorM A Dhaky, Sagarmal Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1987
Total Pages558
LanguageEnglish, Hindi, Gujarati
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size17 MB
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