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________________ ८५ डॉ सागरमल जैन : व्यक्तित्व एवं कृतित्व करा दी है । जैन पूजाविधान में स्वीकार किये गये क्रम एवं उपचार विधि का विवेचन करते हुए उन्होंने जैन साधना-सम्मत स्तोत्र पाठ, नामजप एवं यन्त्र-जप का विस्तृत विवरण दिया है । उन्होंने जैन साधना में स्वीकृत मन्त्रों का विवरण देते हुए षट्कर्म से सम्बन्धित मन तथा गृह शांति के मन्त्र तो प्रस्तुत किये ही हैं, इसके साथ ही भूमि शुद्धि, करन्यास, अङ्गन्यास, सकलीकरण, दिक्पालाह्वान, हृदयशुद्धि, मन्त्रस्नान, कल्मष दहन, पंच परमेष्ठि स्थापन, आह्वान, स्थापन, सन्निधान, सनिरोध, अवगुण्ठन, विघ्नत्रासनार्थ छोटिका, अमृतीकरण, क्षोभण, क्षामण अथवा क्षमापन, विर्सजन एवं स्तुति के क्रम एवं मन्त्रों के निवारण के साथ जैन पद्धति को प्रस्तुत किया है । 'मन्त्र' और 'विद्या' के अन्तर को सुस्पष्ट रूप में प्रस्तुत करते हुए डॉ० जैन ने समस्त जैन विद्याओं का महत्वपूर्ण विवरण प्रस्तुत किया है । इसी क्रम में उन्होंने कुण्डलिनी-योग तथा धर्म में स्वीकृत षट्चक्र-साधना को भी प्रस्तुत किया है। इस संक्षिप्त विवरण से स्पष्ट है कि प्रस्तुत कृति जैन तान्त्रिक साधना से सम्बद्ध साहित्य, सिद्धान्त, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, साधना-पद्वति, योग से सम्बद्ध विपुल सामग्री प्रस्तुत करती है । यहाँ यह उल्लेख करना प्रासंगिक है कि जैन तान्त्रिक साधना का तुलनात्मक अध्ययन शक्ति तन्त्र की अपेक्षा वैष्णव तन्त्र के साथ किया जाना बहुत समीचीन होगा । जैसे पाश्चरात्र आगम में शक्ति की स्थिति है, उसी प्रकार की स्थिति जैन परम्परा में प्रतीत होती है । इस दृष्टि से जैन तत्त्व मीमांसा के साथ जैन तान्त्रिक साधना की प्रवृत्ति परता और पार्यन्तिक रूप में जैन निवृत्तिनिष्ठता का सामञ्जस्य संतोषजनक रीति से प्रस्तुत हो सकता है। हमारा विश्वास है कि 'जैनधर्म और तान्त्रिक साधना' शीर्षक इस कृति का विद्वज्जगत् में समादर होगा और यह निश्चय ही जैन तान्त्रिक परम्परा के अनुशीलन को और भी आगे ले जायेगी। आचार्य एवं अध्यक्ष, धर्मागम् विभाग, प्राच्यविद्या धर्मविज्ञान संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी। Jan Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012014
Book TitleSagarmal Jain Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1998
Total Pages974
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size31 MB
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