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________________ द्वितीय खण्ड : जीवनदर्शन १८५ . श्री जिनेन्द्र मुनि जो शास्त्री आपका जन्म मेवाड़ प्रान्त के पडावली ग्राम में हुआ। आप जाति से प्रजापति हैं। आपने विक्रम संवत् २०२० (सन १९६३) में गढ़ जालोर में दीक्षा ग्रहण की। और काव्यतीर्थ, धर्मशास्त्री, आदि परीक्षाएं समुत्तीर्ण की। आपका स्वभाव सरल और सरस है; मधुर वक्ता व कवि हैं। 'पांच कवि' 'मंगल प्रार्थना' आपके द्वारा संपादित पुस्तकें हैं। श्री रमेश मुनिजी शास्त्री आपका जन्म राजस्थान के मेड़ता के सन्निकट बडु ग्राम में सन् १९५१ जनवरी २४ को हुआ। आपके पिता श्री का नाम पूनमचन्द जी और मातेश्वरी का नाम प्रकाशवती जी है । आप जाति से ओसवाल और डोसी हैं। आपने परम विदुषी महासती प्रभावतीजी महाराज के उपदेश से प्रभावित होकर ई० सन् १९६५ फाल्गुन सुदी तेरस को श्रद्धेय गुरुदेव पुष्कर मुनि जी महाराज के पास जैनेन्द्री दीक्षा ग्रहण की। आपने काव्यतीर्थ, शास्त्री आदि परीक्षाएँ समुत्तीर्ण की। आप कवि और लेखक हैं । आपके अनेक लेख विविध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। आप मेरे ज्येष्ठ भ्राता हैं । आपका स्वभाव भद्र है और त्यागी वैरागी हैं। राजेन्द्र मुनि शास्त्री मेरा जन्म राजस्थान के बडु ग्राम में वि० सं० २०१० (सन् १९५३) के पौष बदी दशमी के दिन हुआ । मेरे पिताश्री का नाम पूनमचन्द जी और मातेश्वरी का नाम प्रकाशवती है । परम विदुषी महासती पुष्पवती महाराज के उपदेश से प्रभावित होकर सन् १९६५ फाल्गुन शुक्ला त्रयोदशी को गढ़ सिवाना में श्रद्धय सद्गुरुवर्य के पास दीक्षा ग्रहण की । मैंने गुरुचरणों में रहकर काव्यतीर्थ, शास्त्री, साहित्यरत्न और आचार्य आदि परीक्षाएँ समुत्तीर्ण की। 'राजस्थान केसरी पुष्कर मुनि जी महाराज : जीवन और विचार, 'चौबीस तीर्थकर एक पर्यवेक्षण', 'सत्य शील की अमर साधिकाएँ,' 'मेघकुमार ; एक परिचय,' 'मुक्ति का अमर राही जम्बू कुमार,' 'भगवान महावीर-जीवन और दर्शन', भगवान महावीर की सूक्तियाँ' आदि मेरी रचनाएं हैं। मेरे ज्येष्ठ भ्राता रमेश मुनि ने और मातेश्वरी प्रकाशवती जी ने भी दीक्षा ग्रहण की है। जो सेवाभावी और प्रतिभा सम्पन्न हैं। तपस्वी श्री प्रवीण मुनि जी आपका जन्म उदयपुर जिले के कम्बोल ग्राम में हुआ। आपके पिताश्री का नाम सूरजमल जी दोसी और माता जी का नाम चल्लू बाई है । सन् १९७२ में साण्डेराव राजस्थान प्रान्तीय श्रमण संघीय सम्मेलन के सुनहरे अवसर पर आपकी दीक्षा सम्पन्न हुई। आप सेवाभावी, विद्याप्रेमी और तपस्वी हैं। आपने मासखमण किया है तथा अन्य लघु तपस्याएँ करते रहते हैं। श्री दिनेश मुनि, जैन सि. वि. आपका जन्म वि० सं० २०१७ (दिनांक २२-५-१६६०) ज्येष्ठ बदी बारस रविवार को उदयपुर जिले के देवास ग्राम में हुआ। आपके पिताश्री का नाम रतनलाल जी मोदी और माता का नाम प्यारी बाई है। आपका गृहस्थाश्रम का नाम चतुरलाल था। परम विदुषी महासती पुष्पवती जी के सदुपदेश से प्रभावित होकर वि. सं. २०३० (दिनांक ८-११-१९७३) को कार्तिक सुदि तेरस को गुरुदेवश्री के सन्निकट अजमेर में दीक्षा ग्रहण की। आप सेवाभावी अध्ययन प्रेमी सन्त हैं। राजस्थान केसरी श्री पुष्कर मुनि जी महाराज का सती-समुदाय विदुषी स्थविरा महासती श्री सौभाग्य कुंवर जी आपकी जन्मस्थली उदयपुर है और आप जाति से पोरवाल हैं । आपका जन्म वि. सं. १९४० (सन् १८६१) में हुआ। आपने परम विदुषी महासती सोहन कुंवर जी महाराज के उपदेश से प्रभावित होकर विक्रम संवत् १९७४ (सन् १९१७) चैत्र बदी पंचमी, में उदयपुर में दीक्षा और महासती हुलासवर जी का शिष्यत्व ग्रहण किया। आप Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012012
Book TitlePushkarmuni Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni, A D Batra, Shreechand Surana
PublisherRajasthankesari Adhyatmayogi Upadhyay Shree Pushkar Muni Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1969
Total Pages1188
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size39 MB
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