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________________ DDEOS GAGAUR 3-0035:00 Sote NO-600000930 छगनराज जी की माताई, शो । परिशिष्ट ६७७ बाबूलाल जी सा. रांका के पूज्य पिताश्री का नाम बंशराज की आपकी अनंत आस्था है। प्रस्तुत ग्रन्थ हेतु आपका अनुदान प्राप्त रांका था एवं मातेश्वरी का नाम भंवरीबाई था। आपकी धर्मपत्नी । हुआ, तदर्थ हार्दिक धन्यवाद। का नाम सुशीलादेवी है। आपके तीन पुत्र और एक पुत्री है श्री दुलीचन्द जी लुंकड़ : खण्डप अशोककुमार, पवन, विपिन और संगीता। अशोककुमार जी की धर्मपत्नी का नाम कीर्ति है। आपका मेवाड़ की उर्वरा माटी ने अनेक रनों को जन्म दिया है। व्यवसाय केन्द्र "रांका स्टील्स" बैंगलोर है। बाड़मेर जिले के खण्डप गाँव का अपना ऐतिहासिक महत्त्व है। आचार्यप्रवर श्री देवेन्द्र मुनि जी म. ने इसी गाँव में आर्हती दीक्षा आप श्रद्धेय उपाध्यायश्री के प्रति अनन्य आस्थावान रहे हैं। ग्रहण की थी और आर्हती दीक्षा प्रदान करने में श्री रघुनाथमल जी प्रस्तुत ग्रंथ में आपका आर्थिक अनुदान प्राप्त हुआ, तदर्थ साधुवाद। धनराज जी लूंकड़ का अपूर्व योगदान रहा था। धनराज जी सा. लूंकड़ के सुपुत्र का नाम छगनराज जी। दुलीचंद जी लूंकड़ श्री अमरचंद जी संपतराज जी गांधी : बैंगलोर छगनराज जी सा. के सुपुत्र हैं। दुलीचंद जी की मातेश्वरी का नाम भागवन्तीदेवी और इनके तीन बहिनें-उमरावबाई, शोभाबाई, श्री अमरचंद जी गांधी एक सुश्रावक हैं। आप राजस्थान में भंवरीबाई हैं। आपकी धर्मपत्नी का नाम सौ. धापूदेवी और पुत्र का सारण के निवासी हैं और आपका व्यवसाय बैंगलोर में है। आपके नाम तरुणकुमार है। आपके चार सुपुत्रियाँ हैं-रजनी, मीना, संतोष पूज्य पिताश्री का नाम हीराचंद जी और मातेश्वरी का नाम और डिम्पल। आपका पूरा परिवार परम श्रद्धेय उपाध्याय श्री घेवरबाई है। आपके पाँच भाई हैं-लालचंद जी, सोहनलाल जी और पुष्कर मुनि जी म. और उपाध्यायश्री के प्रति श्रद्धावान है। आपका मनोहरलाल जी आदि तथा तीन बहिनें हैं-शांतिदेवी, सुखीदेवी और व्यवसाय "जनता इलेक्ट्रिक कम्पनी" धारवाड़ है। प्रस्तुत ग्रंथ में लक्ष्मीदेवी। आपका सहयोग प्राप्त हुआ, तदर्थ आभारी। अमरचंद जी की धर्मपत्नी का नाम सौ. टीपूदेवी है। उनके तीन पुत्र हैं-गौतम, महावीर और विनोद तथा एक पुत्री है सरस्वतीदेवी। श्री गौतम जी आंचलिया : जोधपुर संपतराज जी गांधी की धर्मपत्नी का नाम विमलादेवी है। उनके श्री गौतम जी एक उत्साही युवक हैं। आपके पूज्य पिताश्री का पुत्रों का नाम है-सुदर्शन और विकास। नाम जौहरीमल जी और मातेश्वरी का नाम छोट्याबाई है। माता पिता के पवित्र संस्कार गौतम जी में पल्लवित और पुष्पित हुए हैं। "सुदर्शन इलेक्ट्रीकल्स" बैंगलोर के नाम से आपका आपकी धर्मपत्नी का नाम कुशलदेवी है। आपके एक पुत्र और दो व्यवसाय है। पुत्रियाँ हैं। पुत्र का नाम अभिषेक है और पुत्रियों के नाम कु. माला आप श्रद्धेय उपाध्यायश्री के प्रति अनंत आस्थावान रहे हैं। और कु. प्रीति हैं। आपके लघु भ्राता का नाम दशरथ जी आंचलिया प्रस्तुत ग्रंथ में आपका आर्थिक सहयोग प्राप्त हुआ, तदर्थ साधुवाद।। है और बहिन का नाम ज्ञान जी है। आपका पूरा परिवार श्रद्धेय . . उपाध्यायश्री और आचार्यश्री के प्रति सर्वात्मना समर्पित रहा है। श्री इन्द्रचंद जी सा. धारीवाल : आरकोणम् । प्रस्तुत ग्रंथ के लिए आपका अनुदान मिला, तदर्थ साधुवाद। .. व्यक्ति का नहीं किन्तु व्यक्तित्व का महत्त्व है क्योंकि व्यक्तित्व श्री किस्तूरचंद जी सा. माण्डोत : सूरत शाश्वत है। व्यक्तित्व जीवन की सौरभ है। श्रीमान् धर्मप्रेमी सुश्रावक आपके पिताश्री सेठ सूरजमल जी ढोल (राजस्थान) के प्रमुख इन्द्रचंद जी सा. धारीवाल एक ऐसे ही उदार व्यक्तित्व के धनी हैं प्रभावशाली श्रावकों में थे तथा माताश्री लूणीबाई भी धर्मशीला जो राजस्थान में बगड़ी के निवासी रहे हैं और आपका व्यवसाय श्राविका थीं। श्री किस्तूरचंद जी तथा उनकी धर्मपली चम्पाबाई भी केन्द्र "आरकोणम्" तमिलनाडू में है। आपके पूज्य पिताश्री का नाम पूज्य गुरुदेवश्री के प्रति विशेष श्रद्धा-भक्ति रखती थीं। शेषमल जी और मातेश्वरी का नाम गजराबाई है। आप पाँच भाई आपके पुत्र श्री जवाहरलाल जी तथा उनकी पत्नी सी. हैं-उत्तमचंद जी, जीवराज जी, प्रकाशचंद जी और विमलचंद जी तीजाबाई हैं। जवाहरलाल जी के दो पुत्र हैं-सुभाष व भावेश तथा तथा पाँच बहिनें हैं-भंवरीबाई, सूरजबाई, सुमतीबाई, सज्जनबाई एक पुत्री है भावना। आपके द्वितीय पुत्र का नाम है मीठालाल जी और शकुन्तलाबाई। आपकी धर्मपत्नी का नाम लीलाबाई है। आपके तथा उनकी धर्मपत्नी हैं शकुन्तलाबाई। पुत्र हैं-राजेन्द्र, पारस, दो पुत्र हैं-गौतमचंद जी और निर्मलकुमार जी।। पंकज, शैलेष। किस्तूरचंद जी की तीन पुत्रियाँ हैं-सुहागबाई, गौतमचंद जी की धर्मपत्नी का नाम संगीता है। इन्द्रचंद जी के । बसन्तीबाई तथा पुष्पाबाई।। पाँच सुपुत्रियाँ हैं-सौ. मंजुला, सौ. संजुला, सौ. रेखा, सौ. संगीता आपके परिवार का "अम्बिका सिल्क कार्पोरेशन" के नाम से और सौ. अनीता। । सूरत में अच्छा व्यवसाय है। सभी परिवार पूज्य गुरुदेव उपाध्याय परम श्रद्धेय पूज्य उपाध्याय गुरुदेव श्री के प्रति अनन्य । श्री पुष्कर मुनि जी म. के प्रति विशेष श्रद्धा-भक्ति रखता है। स्मृतिनिष्ठावान रहे हैं और आचार्यसम्राट् श्री देवेन्द्र मुनि जी.म. के प्रति ग्रन्थ हेतु आपका हार्दिक अनुदान प्राप्त हुआ, तदर्थ आभारी। .. Jore HoroscoNOणलण्ण एययन गायन उR.60 | 1 0 0 0 0 0 0 20060908 0 0 Raicopicpu00000066 RROGRO290salePorno DDODCDD00000DOODHD000000000DOORDSDOSDOG
SR No.012008
Book TitlePushkarmuni Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni, Dineshmuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1994
Total Pages844
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size105 MB
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