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________________ SC06U0906UUBALREDUC5UGU 916090090. ac.00 60000000000000000 900 100.OOTDADDOONG 200 1४८६ उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि स्मृति-ग्रन्थ । आपने प्रयाग हिन्दी साहित्य सम्मेलन से साहित्यरत्न परीक्षा श्री सुमन प्रभा जी म. 2002.य उत्तीर्ण की। वर्धा से "राष्ट्रभाषा रत्न" किया। अहमदाबाद से राजस्थान के प्रसिद्ध जोधपुर नगर में आपका जन्म संवत् दर्शनाचार्य और पाथर्डी धार्मिक परीक्षा बोर्ड से जैन सिद्धान्ताचार्य 200 २०१८ माघ शुक्ला १४ को हुआ। आपके पिताश्री का नाम श्रीमान् परीक्षा समुत्तीर्ण की। आपने संस्कृत विषय लेकर एम. ए. की मिश्रीमल जी सा. छाजेड़ और माता जी का नाम श्रीमती ऊकी 202004 उपाधि प्राप्त की है और आचार्य हरिभद्र और उनके साहित्य बहिन छाजेड़ है। आपने उपाध्यायश्री पुष्कर मुनिजी म. को गुरु पर शोध प्रबन्ध लिखकर पी-एच.डी. की उपाधि से अलंकृत बनाकर महासती श्री सत्यप्रभा जी म. के पास सं. २०३५ ज्येष्ठ हुई हैं। शुक्ला ३ दिनांक ९ जून १९७८ को सिवाना के हाईस्कूल में दीक्षा आपने विविध विषयों में विद्वत्ता प्राप्त की है। आपने ग्रहण की। आपने जैन सिद्धान्त प्रभाकर, वर्धा की परीक्षा और राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कोविद परीक्षाएँ उत्तीर्ण की। आपका प्रवचन मधुर और प्रभावी काश्मीर में विचरण किया है। होता है, आपने राजस्थान में विचरण किया है। महासती श्री चन्दनप्रभा जी म. श्री हर्ष प्रभा जी म. PaDiaD आपका जन्म संवत् २०१६ कार्तिक शुक्ला ३ दिनांक २३ 20.001 राजस्थान के अजमेर जिले के किशनगढ़ गाँव में आपका जन्म अक्टूबर १९६० को गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में संवत् २०११ बैशाख शुक्ला पूर्णिमा दिनांक १४ मई १९५४ को हुआ। आपके पिताश्री का नाम श्री लाभुभाई दयाल जी मेहता और हुआ। आपके पिताश्री का नाम श्रीमान् पूनमचंद जी जामड़ और माताजी का नाम श्रीमती कंचर बहिन है। आपने उपाध्याय माता जी का नाम श्रीमती कंचनबाई जामड़ है। प्रवर श्री पुष्कर मुनि जी म. को अपने गुरु पद पर स्थापित आपने उपाध्यायश्री पुष्कर मुनिजी म. को गुरु बनाकर कर महासती श्री सत्यप्रभा जी म. के पास संवत् २०३४ माघ सुदी ५ दिनांक १२ फरवरी १९७७ को गांधीनगर में दीक्षा महासती श्री प्रभावती जी म. के पास सं. २०३५ माघ शुक्ला त्रयोदशी दिनांक २ फरवरी १९७७ को उदयपुर के पोरवाड़ों के अंगीकार की। नोहरे में दीक्षा ग्रहण की। आपने १० वीं कक्षा तक व्यावहरिक शिक्षण गुजराती माध्यम से लिया। संस्कृत और हिन्दी का अभ्यास किया। जैन सिद्धान्त आपने हिन्दी, प्राकृत, संस्कृत, गुजराती और अंग्रेजी भाषाओं का ज्ञान किया। आपने हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग से साहित्यरल प्रभाकर परीक्षा पास की। की उपाधि प्राप्त की। आपने सेंट्रल बोर्ड दिल्ली से १०वीं कक्षा का आप सेवाभावी, मधुर स्वभावी और व्याख्यात्री हैं। आपकी व्यावहारिक शिक्षण प्राप्त किया। पाथर्डी धार्मिक परीक्षा बोर्ड से जैन एक शिष्या है-श्री धर्म शीला जी म.। सिद्धान्ताचार्य परीक्षा पास की। आपने प्रभावती श्रद्धांजलि नामक आपने मुख्य रूप से राजस्थान में विचरण किया। पुस्तिका प्रकाशित कराई है। आपका राजस्थान में विचरण हुआ। श्री देवेन्द्रप्रभा जी म. श्री विनय प्रभा जी म. आपका जन्म मारवाड़ प्रान्त के जालोर नगर में दिनांक २० आपका जन्म राजस्थान की गुलाबी नगरी जयपुर में दिनांक ५ सितम्बर १९६० को हुआ। आपके पिताश्री का नाम श्रीमान् मूलचंद जून १९५६ को हुआ। आपके पिताश्री का नाम श्रीमान् सुन्दरलाल जी सा. भंसाली और माताजी का नाम श्रीमती उगमबाई भंसाली है। जी गाँधी (जैन) और माताजी का नाम श्रीमती मुनीबाई गाँधी आपने उपाध्यायश्री पुष्कर मुनिजी म. को गुरु बनाया और (जैन) है। आपने भारत की राजधानी दिल्ली में दिनांक २४ स्वाध्याय संघ की संप्रेरिका सिद्धान्ताचार्य श्री चंदनबाला जी म. के । फरवरी १९७८ को संवत् २०३५ फाल्गुन शुक्ला २ को पास वि. सं. २०३४ फाल्गुन शुक्ला ६ दिनांक १५ मार्च, १९७८ । उपाध्यायश्री पुष्कर मुनिजी म. को गुरु बनाकर महासती श्री को जालोर में दीक्षा धारण की। चारित्रप्रभा जी म. के पास दीक्षा अंगीकार की। आपने हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत और प्राकृत भाषाओं का आपने हिन्दी, संस्कृत आदि का अभ्यास किया। जैन सिद्धान्त अभ्यास किया। जैन सिद्धान्त के बोलचाल और थोकड़ों का अभ्यास । विशारद परीक्षा उत्तीर्ण की। कर जैन सिद्धान्त प्रभाकर परीक्षा पास की। । अपनी गुरुणी के साथ राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, गुरुणी के साथ आपने मेवाड़-मारवाड़ में विचरण किया है। हरियाणा, जम्मू और कश्मीर आदि प्रान्तों में विचरण किया है। CCECE00862 DOID:05 1096000 PARDIOS 19:00-009 Q800002.0.00 160 00.0DODID Goa Halguda lorphedanisnerao_8 00 0 THE Personaliye onlysa00000000dcocominolpepar ANDARVADHAALEE
SR No.012008
Book TitlePushkarmuni Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni, Dineshmuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1994
Total Pages844
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size105 MB
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