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________________ ३२ 6910:00 5000 क्या ? किनका ? कहाँ डॉ. राजबहादुर पाण्डेय, साहित्यरत्न 5669 श्रीचन्द सुराना 'सरस' 60.006 ११. अनेकान्त : रूप-स्वरूप १२. व्यक्तित्व के समग्र विकास की दिशा में : जैन शिक्षा प्रणाली की उपयोगिता १३. साधुचर्या की प्रमुख पारिभाषिक शब्दावलि अर्थ और अभिप्राय १४. जैन मंत्र योग १५. हाँ, मैं जैन हूँ श्रीमती डॉ. अलका प्रचंडिया श्री करणीदान सेठिया श्री परिपूर्णानन्द वर्मा ५४५ ५४० खण्ड-६ जन मंगल धर्म के चार चरण (पृ. ५५५ से ६३२ तक) CommenDRDS.50000000000000000RRORAakoooooo ५६० ५६१ १. पर्यावरण रक्षा और अहिंसा २. पर्यावरण परिरक्षण : अपरिहार्य आवश्यकता ३. जैन धर्म और पर्यावरण-सन्तुलन ४. पर्यावरण-प्रदूषण : बाह्य और आन्तरिक ५. पर्यावरण-प्रदूषण और जैन दृष्टि ६. पर्यावरण के संदर्भ में जैन दृष्टिकोण ७. बढ़ता प्रदूषण एवं पर्यावरणीय शिक्षा ८. कैसा हो हमारा आहार ९. शाकाहार है संतुलित आहार १०. शाकाहार : एक वैज्ञानिक जीवन शैली ११. स्वास्थ्य रक्षा का आधार-सम्यग् आहार-विहार १२. भगवान महावीर और महात्मा गाँधी की भूमि पर बढ़ते कत्लखाने १३. अण्डा-उपभोग : स्वास्थ्य या रोग १४. तम्बाकू एक : रूप अनेक १५. माँसाहार या व्याधियों का आगार ! १६. शाकाहारी अण्डा : एक वंचनापूर्ण भ्रान्ति १७. सुखी जीवन का आधार : व्यसन मुक्ति १८. भूकम्प कैसे रोका जाये? १९. जीवन के काँटे : व्यसन २०. स्वस्थ समाज का आधार : सदाचार आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी डॉ. हरिश्चन्द्र भारतीय पं. मुनि श्री नेमीचन्द जी म. श्री विनोद मुनि जी म. डॉ. सुषमा डॉ. शेखरचन्द्र जैन डॉ. हेमलता तलेसरा आचार्य राजकुमार जैन डॉ. नेमीचन्द जैन मुनि नवीनचन्द्र विजय सुशीला देवी जैन ५८३ ५८ ५९० ६०० ६० ६०१ EOV ६१० पद्मश्री श्री यशपाल जैन साध्वीरत्न पुष्पवती जी म. उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि जी म. उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि जी म. आचार्य देवेन्द्र मुनि जी डॉ. महेन्द्र सागर प्रचंडिया मानिकचन्द नवलखा आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी ६१६ ६१५ ६२६ ६२१ 2000 ६२५ ६३० खण्ड-७ संथारा-संलेषणा : समाधिमरण की कला (पृ.६३३ से ६६४ तक) १. संथारा, संलेषना : एक चिन्तन आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी २. संलेषणा-संथारा के कुछ प्रेरक प्रसंग उपाध्याय श्री केवल मुनि जी ३. जैन दर्शन में संथारा डॉ. रज्जनकुमार ६३ 0000000 1000 06. [00:00 aPos 0.00 B009 0 D.DDIDEO 9000000
SR No.012008
Book TitlePushkarmuni Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni, Dineshmuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1994
Total Pages844
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size105 MB
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