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________________ "महावार भवन" के निर्माण का कार्यक्रम निश्चित किया सम्पत्ति के दान तथा जन सहयोग से "श्रीमती कस्तुरी गया था । इस सन्दर्भ में ग्वालियर में विशाल महावीर देवी जैन प्रसूति गृह" का निर्माण प्रारम्भ किया गया। भवन के निर्माण का निश्चय किया गया। इस हेतु वयोवृद्ध समाजसेवी श्री श्यामलाल जी पाण्डवीय ने म. प्र. शासन से 60 हजार वर्गफीट भूमि की मांग की इसका शिलान्यास किया। इसके भवन निर्माण का कार्य गई, जिस पर शासन द्वारा कम्पू प्रांगण में 30 हजार लगभग पूर्ण हो चुका है व शीघ्र इसका प्रारम्भ होने की वर्गफटी भूमि प्रदान कर दी गई है व शेष निकटवर्ती आशा है । इस पूरी योजना पर लगभग दो लाख रुपया भूमि की प्राप्ति के प्रयास जारी हैं। इस विशाल भवन व्यय होना अनुमानित है । इसके अतिरिक्त लश्कर में में एक आधुनिक आडिटोरियम, सभा, एवं गोष्ठी कक्ष, नयाबाजार स्थित जैन मन्दिर तथा शिवपुरी जिले के शोध संस्थान पुरातत्वीय संग्रहालय, आध्यात्मिक ग्रन्था- सिरसौद एवं रन्नोद ग्रामों में जैन औषधालय भवनों गार, पुस्तकालय एवं वाचनालय, साधु, सन्त एवं विद्वानों का निर्माण प्रारम्भ किया गया। के विश्राम कक्ष, वालोद्यान एवं पुष्पवाटिका होंगे। इस पूरी योजना पर लगभग 20 लाख रुपयों का व्यय अनु . पुस्तकालय एवं वाचनालय-लोक सेवा, शैक्षमानित है । इसी क्रम में दतिया जिला मुख्यालय पर भी णिक प्रसार एवं चरित्र निर्माण के उद्देश्य से संमाग में एक लाख रुपयों की लागत से महावीर भवन के निर्माण अनेकों स्थानों पर पुस्तकालय एवं वाचनालय प्रारम्भ । की योजना है। किये गए । लश्कर में श्री नया मन्दिर दानाओली श्री चंपाबाग बीसपंथी पंचायती मन्दिर, जैन भवन दानाछात्रावास निर्माण एवं विकास-छात्रावासों के ओली, तथा श्री वीर जैन छात्रावास में; भिण्ड जिले में निर्माण एवं विकास की दृष्टि से भी इस वर्ष में महत्व- भिण्ड नगर तथा मौ, मेहगांव एवं अमायन ग्रामों में; सम्पन्न हुए जिनपर लगभग डेढ़ लाख रुपयों शिवपुरी जिले में शिवपुरी नगर तथा सिरसौद एवं की लागत का अनुमान है। लश्कर स्थित “वीर जैन सुनारी ग्रामों में; गुना जिले में साढ़ौरा, आरोन एवं छात्रावास" में "डा० ओंकारप्रसाद दीवान स्मारक वामनखास ग्रामों में पुस्तकालयों एवं वाचनालयों का पुस्तकालय एवं वाचनालय भवन", "श्री श्यामलाल प्रारम्भ तथा कहीं-कहीं इस हेतु भवन निर्माण का भी पाण्डवीय स्टेडियम " तथा दस नये कमरों व विश्रांति प्रारम्भ किया गया। इन पर लगभग पौने तीन लाख गृह का निर्माण किया गया। शिवपुरी में श्री नेमीचन्द्र- रुपयों का व्यय अनुमानित है। जी गोंदवालों द्वारा तथा मौ ग्राम जिला भिण्ड में स्थानीय जैन समाज द्वारा जैन छात्रावासों का निर्माण महाविद्यालय विद्यालय एवं पाठशालाएँ -संभाग प्रारम्भ किया गया। इसी क्रम में भिण्ड नगर में भी एक में शिक्षा प्रसार और चरित्र निर्माण के उद्देश्य से जैन छात्राव स के निर्माण की योजना हाथ में ली गई है। अनेकों विद्यालयों एवं पाठशालाओं का निर्माण एवं प्रारम्भ किया गया, जिन पर लगभग 5.4 लाख चिकित्सालय एवं प्रसूतिगृह-महापरिनिर्वाण रुपयों के व्यय का अनुमान है। मिण्ड नगर में 'श्रीमती वर्ष के अन्तर्गत विभिन्न स्थानों पर चिकित्सालयों एवं कुसुमबाई जैन कन्या महाविद्यालय" प्रारम्भ किया प्रसूतिगृहों का निर्माण किया गया। इन पर लगभग ढाई गया तथा इस हेतु भवन निर्माण का कार्य प्रारम्भ किया लाख रु. की लागत का अनुमान है। इस क्रम में ग्वालियर गया। यहीं पूर्व से संचालित "जैन महाविद्यालय" में दो के उपनगर मुरार में शासन मे नि:शुल्क प्राप्त भूमि पर बड़े कमरों का निर्माण किया गया। इसके अतिरिक्त श्री सेठ दीपचन्दजी जैन मुरार द्वारा अपनी सम्पूर्ण भिण्ड जिले में मौ, अटेर, अमायन, परधना, गोहद, फूफ ३७६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012001
Book TitleTirthankar Mahavira Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Malav
PublisherJivaji Vishwavidyalaya Gwalior
Publication Year
Total Pages448
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size13 MB
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