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________________ धर्माचार्यों का आगमन एवं मार्गदर्शन-समा- से तीन अन्य नवीन मन्दिरों का निर्माण हआ। भिण्ड रोह वर्ष की योजनाओं को अनेकों आचार्यों से प्रेरणा में मेहगांव, फूफ तथा गोरमी ग्रामों में; शिवपुरी जिले मुनि श्री चन्दनमलजी व उनका संघ जिले के सिरसौद; गुना जिले के पिपरई तथा मुरेना जिले इस सम्पूर्ण वर्ष में ग्वालियर संभाग में विभिन्न स्थलों के सबलगढ नामक स्थानों पर भगवान महावी पर रहा व, वे, निर्वाण वर्ष के महत्व को प्रतिपादित मन्दिरों का निर्माण कार्य सम्पन्न हुआ। इसी क्रम में करते हए इस वर्ष में स्थायी महत्व के कार्यों के सचा- संभाग में स्थित अनेकों प्राचीन जैन मन्दिरों का विकास लन को निरन्तर प्रेरणा देते रहे। उन्होंने निरन्तर चार एवं जीर्णोद्वार भी कराया गया जिन पर लगभग डेढ़ चातुर्मास (1973-76) भी ग्वालियर में ही किये, तथा लाख रुपये व्यय किये गए। इनमें माधवगंज मन्दिर ग्वालियर में निर्वाण वर्ष के कार्यक्रमों को मार्गदर्शन लश्कर में पनिहार की प्राचीन एवं विशाल जिन प्रतिप्रदान किया। उनके अतिरिक्त निर्वाण वर्ष में दिगम्बर माओं की पुनस्र्थापना व वेदी निर्माण. बड़ा मन्दिर, आम्नाय के भी चार प्रमुख आचार्य श्री 108 मुनिश्री गस्त का ताजिया लश्कर में स्वर्णादि का कलात्मक सम्भव सागरजी महाराज, श्री 108 मुनिश्री वीर कार्य, नया बाजार मन्दिर लश्कर में शिखर निर्माण, सागरजी महाराज, श्री 108 मुनिश्री पुष्पदंत सागरजी चंपाबाग मन्दिर लश्कर में नवीन वेदी निर्माण, वासमहाराज तथा श्री 105 एलक सन्मत्त सागरजी पूज्य पंचायती मन्दिर ग्वालियर नगर में शिखर निर्माण महाराज अपने संघों सहित ग्वालियर पधारे और कुछ तथा मगरौनी (शिवपुरी), आरौन (गुना) एवं दिवसों ग्वालियर में रहकर धर्मप्रभावना की तथा अम्बाह (मुरेना) में मन्दिर निर्माण कार्य प्रमुख हैं। निर्वाण वर्ष के कार्यक्रमों को प्रेरणा एव मार्गदर्शन प्रदान किया। तीर्थ कर महावीर कीति-स्तम्भ-देशभर में तीर्थकर महावीर के उपदेशों के प्रचारार्थ स्थापित लोककल्याणकारी एवं निर्माण कार्य तीर्थकर महावीर कीर्ति-स्तम्भों की श्रृंखला में ग्वालियर संभाग में पन्द्रह स्थानों पर कीति-स्तम्भों की स्थापना - मंदिर निर्माण :- इस वर्ष में ग्वालियर संभाग का निश्चय किया गया। ग्वालियर जिले में महावीर में बारह नए मन्दिरों का निर्माण हुआ जिसपर लग उद्यान, हायकोर्ट रोड, लश्कर, ग्वालियर में; भिण्ड जिले भग 6.35 लाख रुपयों की लागत का अनुमान है। में भिण्ड नगर, मौ एवं मेंहगांव में; शिवपुरी जिले में इनमें लश्कर में श्री कन्हैयालालजी अग्रवाल द्वारा शिवपरी नगर व मगरौनी में: मरैना जिले में मुरैना प्रदत्त दान से श्री पार्श्वनाथ ट्रस्ट ग्वालियर द्वारा एवं श्योपर में; दतिया जिले में सिद्धक्षेत्र सौनागिरजी व लगभग 85 हजार रुपये की लागत से दानाओली में दतिया नगर में; गुना जिले में गुना नगर, अशोकनगर व निर्मित "अहिंसा भवन एवं जिन मन्दिर", भिण्ड जिले जा आरोन में स्थापित होनेवाले कीति-स्तम्भों में से अधिकके मौ ग्राम के जैन समाज द्वारा लगभग डेढ़ लाख रुपयो तर का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण भी हो चुका है व की लागत से एवं शिवपूरी में प्रमुखतः श्री नेमीचन्दजी शेष का शीघ्र ही पर्ण होने की आशा है। इनके निर्माण गोंदवालों द्वारा प्रदत्त दान से लगभग दो लाख रुपयों की पर लगभग 5.25 लाख रुपयों के व्यय का अनुमान है। लागत से निर्मित जैन मन्दिर विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। इनके अतिरिक्त लश्कर में श्री सत्यनारायण महावीर भवन- भगवान महावीर के उपदेशों के पहाडिया पर "जिन मन्दिर" दानाओली में "जैन भवन" प्रचारार्थ बहुउद्देशीय योजनाओं के क्रियान्वयन के उद्देश्य तथा डबरा मण्डी में वरैया पंचयाती मन्दिर" के नाम से केन्द्रीय समिति के निर्देश पर देश के प्रमुख केन्द्रों पर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012001
Book TitleTirthankar Mahavira Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Malav
PublisherJivaji Vishwavidyalaya Gwalior
Publication Year
Total Pages448
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size13 MB
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