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________________ JAL -- मुख्य मन्त्री भोपाल NA PATH मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर द्वारा भगवान महावीर के २५०० वें निर्वाण महोत्सव के अवसर पर आयोजित व्याख्यानमाला में पठित शोधपत्रों एवं व्याख्यानों को स्मारिका के रूप में प्रकाशित करने का निश्चय किया गया है। मैं आशा करता हूँ कि इस प्रकाशन से व्याख्यानमाला में व्यक्त विद्वानों के मतों एवं धारणाओं को स्थायित्व प्राप्त होगा और भविष्य में भी हम उनसे मार्गदर्शन लेते रहेंगे। रमारिका के लिये शुभ कामनाएँ। श्यामाचरण शुक्ल -संदेश उपमन्त्री शिक्षा तथा समाज कल्याण भारत नई दिल्ली-1 TV मुझे यह जानकर बड़ी प्रसन्नता हुई कि जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर के तत्वावधान में श्री २५००वें भगवान महावीर निर्वाण महोत्सव के शुभ अवसर पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया एवं उक्त पांच दिवसीय व्याख्यानमाला में श्रोतावृन्द को अनेक विद्वजनों के विचार सुनने का शुभ अवसर मिला । अहिंसा एवं सत्य के नये प्रतिमानों का आज के इस वातावरण में क्या महत्व है इस पर प्रबुद्धजनों के विचार-विमर्श से लोगों को सही मार्गदर्शन मिला होगा, ऐसा मेरा विश्वास है। उक्त उच्च विचारों का स्मारिका हेतु प्रकाशन सदा के लिए स्थायी स्वरूप प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। मैं स्मारिका की सफलता की कामना करता हैं और समझता है कि आम जनता को जानकारी देने में लाभदायक सिद्ध होगी। अरविन्द नेताम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012001
Book TitleTirthankar Mahavira Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Malav
PublisherJivaji Vishwavidyalaya Gwalior
Publication Year
Total Pages448
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size13 MB
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