SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 27
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भारत के उपराष्ट्रपति के सचिव नई दिल्ली-110011 प्रिय महोदय, उपराष्ट्रपति जी को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आप जीवाजी विश्व विद्यालय, ग्वालियर की ओर से भगवान महावीर जी के २५०० वें निर्वाण महोत्सव के अवसर पर आयोजित पाँच दिवसीय व्याख्यानमाला में पठित शोषपत्रों एवं व्याख्यानों को स्थायी रूप प्रदान करने के लिए एक "स्मारिका" प्रकाशित करने जा रहे हैं । उपराष्ट्रपति जी आपके विश्वविद्यालय को इस "स्मारिका" की सफलता के लिए अपनी हार्दिक शुभ कामनाएँ भेजते हैं । आपका वि० फड़के -संदेश RAJ BHAVAN im PERSNES प्रिय रवीन्द्र जी, यह जानकर प्रसन्नता हुई कि जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर, श्रीभगवान महावीर के २५०० वें निर्वाण महोत्सव के उपलक्ष पर शोधपत्रों और व्याख्यानों के प्रकाशनार्थ "स्मारिका' के प्रकाशन का निश्चय किया गया है। आपके इस प्रयत्न के द्वारा सर्व-साधारण को भगवान महावीर के सद्उपदेशों को जानकारी सुलभ होगी। __ मैं आपके सत्प्रयत्नों की सफलता चाहता हूँ, और इस सुअवसर पर शुभ कामना प्रकट करता हूँ। आपका मोहनलाल सुखाड़िया राज्यपाल Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012001
Book TitleTirthankar Mahavira Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Malav
PublisherJivaji Vishwavidyalaya Gwalior
Publication Year
Total Pages448
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy