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________________ ર૧ર મંત્રદિવાકર ___ ॐ श्रीं ह्रीं श्री कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्री ही श्री महालक्ष्म्यै नमः, दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि, आपः स्रजन्तु स्निग्धानि चिक्लीत . वस मे गृहे । नि च देवी मातरं भियं वासय मे कुले ॥ दारिद्रयदुःखभयहारिणि का त्वदन्या, सर्वोपकारकरणाय सदाचित्ता, ॐ श्रीं ह्रीं श्री कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः ॥१२॥ ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्री ह्रीं श्री महालक्ष्म्यै नमः; दुर्गे स्मता हरसि भीतिमशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि; आर्द्रा पुष्करिणी पुष्टि "सुवर्णा हेममालिनीम् । सूर्या हिरण्यमयी लक्ष्मी जातवेदो ममा-- वह ॥ दारिद्रयदुःखभयहारिणि का त्वदन्या, सर्वोपकारकरणायः सदाचित्ता; ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद: ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः ॥१३॥ . . ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्री. ह्रीं श्री महालक्ष्म्यै नमः, दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि; आर्द्रा यः करिणी यष्टिं पिङ्गलां पद्ममालिनीम् । चन्द्राँ हिरण्मयीं लक्ष्मी,जातवेदो ममावह। दारिद्रयदुःखभयहारिणि का त्वदन्या, सर्वोपकारकरणाय सदाचित्ता; ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्री. ही श्री महालक्ष्म्यै नमः ॥१४॥ ___ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्री
SR No.011613
Book TitleMantra Divakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhirajlal Tokarshi Shah
PublisherPragna Prakashan Mandir
Publication Year1975
Total Pages418
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size13 MB
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